देहरादून. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को देहरादून के पुरकुल गांव में राज्य स्तरीय सैन्यधाम का शिलान्यास किया. इस सैन्यधाम में आजादी के बाद से देश की रक्षा में अपना बलिदान करने वाले वीर सपूतों का विवरण अंकित होगा. शिलान्यास के दौरान उन्होंने शहीदों के परिजनों को दिए जाने वाले अनुदान राशि को बढ़ाने का एलान किया. सीएम ने इस मौके पर शहीदों के परिजनों को दिए जाने वाले अनुदान को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹15 लाख किए जाने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने राज्य के प्रत्येक शहीद सैनिक के गांव की मिट्टी और शिला, सैन्य धाम के निर्माण के लिए पुरकुल लाए जाने का भी आग्रह किया.
इससे पहले आज सुबह सैन्यधाम का शिलान्यास करते हुए कहा, "माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सोच के अनुरूप पुरकुल गांव में आज सैन्यधाम के शिलान्यास करने का सौभाग्य मिला. सेना के शौर्य के प्रतीक सैन्य धाम के भूमि-पूजन के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती व पराक्रम दिवस से बड़ा कोई मुहुर्त नहीं हो सकता था."
सैनिकों की समस्याओं के लिए अधिकारी तैनात
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, सीएम रावत ने सैनिकों के हित को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश स्तर पर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया गया है.
शहीदों के लिए किया बड़ा एलान
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, राज्य सरकार की तरफ से देश की रक्षा में मारे गए सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित करने की व्यवस्था भी की गई है. इस संबंध में उन्होंने बताया कि अब तक 14 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है जबकि 6 अन्य की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों के अनुदान में सबसे अधिक वृद्धि करने वाला राज्य हैं. उन्होंने कहा कि वीरता पदक प्राप्तकर्ता सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को दी जाने वाली वार्षिक राशि 30 वर्ष के स्थान पर अब आजीवन दिये जाने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा विभिन्न युद्धों, सीमान्त झड़पों तथा आन्तरिक सुरक्षा में मारे गए सैनिकों व अर्द्ध सैनिकों की विधवाओं या आश्रितों को एकमुश्त राशि को बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का एलान किया. रावत ने कहा कि युद्ध अपंगता के कारण सेवामुक्त हुए सैनिकों को आवासीय सहायता अनुदान दो लाख रू दिया जा रहा है.
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