लखनऊ, एबीपी गंगा। महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर योगी सरकार द्वारा बुलाए गए 36 घंटे के विधानसभा के विशेष सत्र का समापन हो गया है। विधान मंडल के विशेष सत्र के तहत समवेत सदन के समापन संबोधन में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 36 घंटे विकास के लक्ष्यों से संबंधित ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई, ये देश के लोकतंत्र की अद्भुत घटना है।
दो अक्टूबर को गांधी जी की 150वीं जयंती पर शुरू हुए विशेष सत्र के समापन संबोधन में योगी ने कहा कि विशेष सत्र में दोनों सदनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और अपने विचार रखें। बता दें कि विधान सभा में 149 और विधान परिषद में 67 सदस्यों ने विशेष सत्र में अपने विचार रखे। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, कांग्रेस नेता अदिति सिंह सहित विपक्षी दलों के तमाम नेताओं ने सदम की कार्यवाही में हिस्सा लिया। योगी ने कहा कि इन सभी ने लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी है। योगी ने कहा कि इस समय जनप्रतिनिधियों के समक्ष समाज में विश्वास का संकट है। ऐसे माहौल में 36 घंटे तक सतत विकास के लक्ष्यों पर चर्चा करना वास्तव में एक
अद्भुत घटना है।
लोकतंत्र संवाद से चलता है- योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र संवाद से ही चलता है। इसे बाधित करने की स्थिति में अराजकता का माहौल बन जाता है। शासन की अलग-अलग शैलियों में लोकतंत्र सबसे लोकप्रिया और स्वीकार्य रहा है। उन्होंने कहा कि विशेष सत्र में चर्चा के दौरान दोनों सदनों के सदस्यों ने खुलकर अपनी बातें रखीं, जिससे लोकतंत्र मजबूत हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि इन सभी विचारों को संकलित कर, इनका दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए, ताकि लोगों को भी सदन के अंदर विकास के लक्ष्यों पर की गई चर्चा के बारे में जानकारी मिल सके।
मुख्यमंत्री योगी के संबोधन की बड़ी बातें
- योगी ने कहा कि बुधवार सुबह 11 बजे से सदन की जो कार्यवाही प्रारंभ हुई, वह अनवरत 36 घंटे चलती रही। इस दौरान विधानसभा व विधान परिषद में कुल 149 सदस्यों ने अपने विचारों को रखा। वास्तव में यह लोकतंत्र की अद्भुत घटना है। इसके लिए सभी सदस्यों का हृदय से आभार व अभिनंदन।
- दोनों सदनों की चर्चा रात्रि भर चलना लोकतंत्र के प्रति हम सभी की आस्था को प्रदर्शित करता है। जिस दौर में जनप्रतिनिधि विश्वास के संकट से गुजर रहे हों, ऐसी परिस्थिति में इस तरह का प्रयोग जनसमस्या व उसके समाधान की दिशा में एक सार्थक पहल है।
- सीएम ने कहा कि लोकतंत्र में संवाद समन्वय और शांति का प्रतीक होता है। इसीलिए दुनिया के अंदर शासन की सबसे अच्छी पद्धति के रूप में लोकतंत्र को स्वीकार किया गया। लोकतंत्र की ताकत का ही एहसास कराने के लिए हम सब इस प्रकार की चर्चा परिचर्चा में भाग लेते हैं, उसका हिस्सा बनते हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि यह चर्चा आने वाली पीढ़ियों के लिए एक दस्तावेज के रूप में मददगार साबित हो।
- साल 2022, साल 2024 और 2030 तक भौतिक व वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक ठोस कार्य योजना बनाएं। प्रत्येक माह मुख्य सचिव व स्वयं मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुश्रवण में यह कार्यवाही आगे बढ़ेगी। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में समितियां गठित हुई हैं।
- लोकतंत्र में संवाद समन्वय और शांति का प्रतीक होता है। इसीलिए दुनिया के अंदर शासन की सबसे अच्छी पद्धति के रूप में लोकतंत्र को स्वीकार किया गया। लोकतंत्र की ताकत का ही एहसास कराने के लिए हम सब इस प्रकार की चर्चा परिचर्चा में भाग लेते हैं, उसका हिस्सा बनते हैं।
- जब तक समाज का एक भी तबका कमजोर है, तब तक संपूर्ण विकास संभव नहीं है। कमजोर को मजबूत बनाने, बदहाल को खुशहाल बनाने, अशिक्षित को शिक्षित करने और साधनहीन को संसाधनयुक्त करने की दिशा में हमें विकास के लक्ष्यों को हासिल करना है। इस कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए एजेंडा-2030 एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसे साल 2016 में विश्व ने अंगीकृत किया है।
- सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 16 समितियों का गठन किया गया है। 2030 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वर्ष 2022, 2024 और 2025 तक के लक्ष्यों को अलग-अलग तय किया गया है।
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