UP Politics: योगी के प्रशंसक बन रहे अखिलेश यादव के लिए जरूरी, इन्हें मनाने में लगी सपा और बीजेपी
Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में सपा और बीजेपी के बीच राज्यसभा की दसवीं सीट पर लड़ाई दिलचस्प है. ऐसे में दोनों पार्टी नंबर जुटाने में लगी हैं.
Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों ज़बरदस्त हलचल बनी हुई है. बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में आठवां उम्मीदवार उतारकर मुक़ाबले को और दिलचस्प बना दिया है. ऐसे में बीजेपी और सपा दोनों अपने समर्थन में नंबर जुटाने में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मंगलवार को जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया और कुंडा से विधायक राजा भैया से मुलाकात की तो अगले ही दिन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी भी राजा भैया से मिलने पहुँच गए.
सपा प्रदेश अध्यक्ष जब राजा भैया से मिलने पहुंचे तो उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी बात कराई थी, जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि वो सपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट कर सकते हैं लेकिन अगले ही दिन बुधवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की मुलाकात के बाद राजा भैया के अगले कदम को लेकर क़यास लगने शुरू हो गए हैं.
राजा भैया को मनाने में जुटी सपा-बीजेपी
दरअसल बीजेपी ने आठवें प्रत्याशी को मैदान में उतारकर दसवीं सीट को लेकर मुक़ाबला कड़ा कर दिया है. सपा के सभी विधायक अगर एकजुट होकर वोट करते हैं तो सपा को अपने तीसरे प्रत्याशी की जीत के लिए दो विधायकों के समर्थन की ज़रूरत होंगी और राजा भैया के पास दो विधायक हैं. इनमें एक वो ख़ुद है और दूसरे विधायक बाबंगज सीट से विनोद सोनकर हैं. अगर राजा भैया सपा को समर्थन देते हैं तो पार्टी के तीसरे प्रत्याशी की जीत आसान हो जाएगी. ऐसे में राजा भैया को अपने साथ लाने में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती.
दूसरी तरफ़ बीजेपी ने राजा भैया को अपने साथ लाने की क़वायद तेज़ कर दी है. समाजवादी पार्टी की मुश्किल ये हैं मुलायम सिंह यादव को अपना राजनीतिक गुरू मानने वाले राजा भैया इन दिनों बीजेपी के ज्यादा क़रीब नज़र आते हैं. वो कई बार खुले मंच से भी यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज और तौर तरीक़ों की तारीफ़ कर चुके हैं. यही नहीं राजा भैया राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में भी शामिल हुए थे और विधानसभा अध्यक्ष के साथ भी रामलला के दर्शन करने पहुँचे थे. इस दौरान उन्होंने सपा विधायकों के अयोध्या नहीं आने के फ़ैसले पर भी सवाल उठाए थे.