Lucknow News: उत्तर प्रदेश कैडर की आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार के वीआरएस आवेदन को सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वीकृति दे दी है. रेणुका कुमार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात थीं.


यूपी कैडर की 1987 बैच की आईएएस अधिकारी रेणुका कुमार ने अगस्त महीने में वीआरएस की मांग की थी. जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीआरएस के आवेदन को मंजूर कर दिया है. 


दरअसल, रेणुका कुमार के वीआरएस के आवेदन को सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वीकृति दे दी है. अगर रेणुका कुमार का वीआरएस मंजूर न होता तब कुमार को वापस यूपी आना पड़ता. जिससे यूपी के व्यूरोक्रेसी में बड़ा फेर बदल देखने को मिलता, लेकिन केंद्र सरकार से एनओसी मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने रेणुका कुमार के वीआरएस आवेदन पर अपनी स्वीकृति दे दी.


रेणुका कुमार का जून 2023 में रिटायरमेंट था. रेणुका कुमार से पहले भी कई अफसर वीआरएस ले चुके हैं जिसमें आईएएस आरपी सिंह और 1993 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव अग्रवाल शामिल हैं.


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छुट्टी पर गईं अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग
योगी सरकार रेणुका कुमार को कई अहम जिम्मेदारी भी दे चुकी है जिसमें कई जांच भी शामिल है. इन जांचो में देवरिया के शेल्टर होम घटना से लेकर सोनभद्र के उंभआ कांड पंचायती राज विभाग के कोरोना किट घोटाले की जांच शामिल है.


बता दें कि रेणुका कुमार के पति सुनील कुमार भी दिल्ली में तैनात हैं. बताया जा रहा है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस. गर्ग लम्बी छुट्टी पर चली गई हैं. गर्ग का प्रभार समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम को दे दिया है. 


इन अफसरों ने भी किया है वीआरएस के लिए आवेदन
रेणुका कुमार के वीआरएस से पहले दो और आईएएस अफसरों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था. पहले आईएएस जूथिका पाटणकर ने वीआरएस के लिए आवेदन किया था. इसके बाद आईएएस विकास गोठलवाल ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है.


बताया जाता है कि इन तीनों अधिकारियों ने एक हफ्ते के भीतर ही आवेदन किया था. आईएएस जूथिका पाटणकर और विकास गोठलवाल ने पारिवारिक और स्वास्थ्य कारणों से वीआरएस मांगा है.