CM Yogi Adityanath : कोरोना काल में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वालों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर आम लोगों पर दर्ज हुए मुकदमों की वापसी की प्रक्रिया सरकार द्वारा शुरू होने जा रही है. इसकी घोषणा पहले ही की गई थी लेकिन सरकार के न्याय विभाग ने इस बाबत एक आदेश जारी किया है. इस संबंध में जारी शासनादेश में कहा गया है कि, कम गंभीर अपराध की धाराओं में आम लोगों पर दर्ज मुकदमों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है. अब उन्हें भी वापस लिया जाएगा.
3 लाख मुकदमे दर्ज हैं
सरकार के न्याय विभाग ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए शासनादेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 महामारी अधिनियम 98 भारतीय दंड विधान की धारा 188 और इससे संबंधित अन्य कम गंभीर अपराध की धारा में लगभग 3 लाख मुकदमे दर्ज हैं. वर्तमान और पूर्व सांसद विधायक और विधान परिषद सदस्यों को छोड़कर जिन मुकदमों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा.
मुकदमे वापसी का आदेश
न्याय विभाग में प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, भारत सरकार में गृह मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया था, और कहा गया था कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन में दर्ज मुकदमों की समीक्षा की जाए, जिससे आम नागरिकों को बेवजह अदालती कार्रवाई में उलझना न पड़े. पत्र में समीक्षा के बाद मुकदमे वापसी पर विचार का सुझाव भी दिया गया था, जिसे मानते हुए प्रदेश सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. हाईकोर्ट ने भी 3 महीने में इन मुकदमों को खत्म करने संबंधी आदेश 8 अक्टूबर को पारित किया था. योगी सरकार में बेहद खास अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया है कि, जिन मुकदमों में आरोप पत्र दाखिल नहीं हुए हैं उन्हें खत्म करने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं.
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