यूपी में सियासी घमासान के बीच 55 लोगों को सीएम योगी ने मीटिंग में बुलाया, पहुंचे सिर्फ...
UP BJP Politics: उत्तर प्रदेश बीजेपी में मचे घमासान के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में एक समीक्षा बैठक बुलाई है. जिसमें विधायकों और विधानपरिषद के सदस्यों को आमंत्रित किया गया.
UP BJP Politics: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. प्रदेश में लगातार बीजेपी के तमाम विधायकों और पदाधिकारियों मुलाकातों और बैठकों का दौर जारी है. इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार लखनऊ में एक समीक्षा बैठक बुलाई है. जिसमें विधायकों और विधानपरिषद के सदस्यों को आमंत्रित किया गया. इस बैठक में 55 लोगों को बुलाया गया था जिसमें से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक नहीं पहुंचे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में जो बैठक बुलाई है उसमें मोहनलालगंज की सिंधौली सीट से विधायक मनीष रावत, मलिहाबाद सीट से विधायक जया देवी, बक्शी का तालाब सीट से योगेश शुक्ला, सरोजिनीनगर सीट से विधायक राजेश्वर सिंह, मोहनलालगंज सीट से अमरेश कुमार को बुलाया गया है. वहीं लखनऊ की लखनऊ नॉर्थ सीट से विधायक डॉ नीरज बोरा, लखनऊ पूर्व से ओपी श्रीवास्तव और लखनऊ कैंट सीट से विधायक और डिप्टी ब्रजेश पाठक का नाम शामिल हैं.
बैठक में इन नेताओं को बुलाया गया
इनके अलावा रायबरेली सीट से विधायक अदिति सिंह और अमेठी की सलोन सीट से विधायक अशोक कोरी और भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. विधायकों के अलावा इस क्षेत्र में पांचों विधानपरिषद के सदस्यो का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं, इनमें एमएलसी महेंद्र कुमार सिंह, अवनीश कुमार सिंह, उमेश द्विवेदी, अशोक कुमार और अनूप कुमार गुप्ता शामिल हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ इस समीक्षा बैठक में सभी जनप्रतिनिधियों से चुनाव को लेकर फ़ीडबैक लेंगे और उनसे बात करेंगे. वहीं सूत्रों के मुताबिक सीएम योगी इस बैठक से डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दूरी बनाने का फैसला किया है. आज की इस बैठक में वो शामिल नहीं होंगे. इससे पहले प्रयागराज में हुई बैठक में भी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नहीं पहुंचे थे.
ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य की नाराजगी के पीछे 25-25-25 जिलों के बंटवारे की कहानी बताई जा रही है. केंद्रीय नेतृत्व की सहमति से तीनों ही नेताओं के बीच जिम्मेदारी और निगरानी के लिहाज से 25-25-25 जिलों का बंटवारा किया गया था. सीएम योगी अब तक कुल 11 मंडलों की समीक्षा बैठक कर चुके हैं. मगर इन बैठकों में दोनों ही डिप्टी सीएम को नहीं बुलाया गया. जबकि उन बैठकों में इन जिलों की विधानसभा भी शामिल थी जिनके प्रभार इन दोनों डिप्टी सीएम के पास हैं.