एक्सप्लोरर

सीएम योगी ने किया दंगामुक्त यूपी का दावा, जानें क्या कहते हैं एनसीआरबी के आंकड़े

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के डाटा के अनुसार उत्तर प्रदेश में अपराध तो हो रहे हैं लेकिन साल 2017 से अपराधों के बढ़ने की दर में कमी आई है.

मार्च 2023 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा कर लिया था. इस मौके पर जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार के छह साल के शासन के दौरान प्रदेश ने आधारभूत ढांचा मजबूत किया और 'हर दूसरे-तीसरे दिन दंगा' होने वाली धारणा को तोड़ने का काम किया है. 

मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह वही उत्तर प्रदेश है जिसके बारे में सोच थी कि वहां तो परिवारवाद है, भ्रष्टाचार है, वहां हर दूसरे-तीसरे दिन एक दंगा होता है.' उन्होंने दावा किया, 'छह साल में उत्तर प्रदेश दंगा मुक्त हो गया है.'

इसके अलावा 22 अप्रैल 2023 यानी ईद के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा, 'आज ईद है और राज्य में कोई दंगा नहीं हुआ है. किसी का आवागमन प्रभावित नहीं होता है. कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है. शांति है और यह इसलिए है क्योंकि हर कोई जानता है कि कानून सभी के साथ समान व्यवहार करता है. यह तभी संभव है जब प्रशासन संवेदनशील हो.' 

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई में उत्तर प्रदेश दंगामुक्त प्रदेश बन गया है. क्या बीते 6 सालों में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ?

क्या कहते हैं एनसीआरबी के आंकड़े 

साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो राज्य में 'भयमुक्त शासन' होगा. इस चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा की 403 में से 312 से ज़्यादा सीटें अपने नाम की थी. साल 2017 तक प्रदेश में सरकार चला रही समाजवादी पार्टी सिर्फ 47 सीटें हासिल कर सकी थी. इस चुनाव के बाद से ही अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी नेता बीजेपी को क़ानून व्यवस्था के सवाल पर घेरते रहे हैं.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के डाटा के अनुसार उत्तर प्रदेश में अपराध तो हो रहे हैं लेकिन साल 2017 से अपराधों के बढ़ने की दर में कमी आई है. वहीं राज्य की महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी आई है. इतना ही नहीं नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के डाटा के अनुसार उत्तर प्रदेश को दंगा-मुक्त प्रदेश भी बताया गया है. 

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मार्च 2017 में प्रदेश की कमान संभाली थी. एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार यूपी में साल 2018 और 2019 में कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ. वहीं 2019 और 2020 में भी एक भी दंगा दर्ज नहीं किया गया. लेकिन साल 2017 में 34 सांप्रदायिक दंगे इन आंकड़ों में दर्ज हैं. 

भारत में साल 2021 में कुल 378 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई थी. लेकिन उत्तर प्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है जिसमें सिर्फ एक घटना हुई. अगर एनसीआरबी के आंकड़ों को सही माने तो ये कहना गलत नहीं होगा कि उत्तर प्रदेश दंगा-मुक्त राज्य है. जबकि झारखंड जैसे राज्य में एक साल में 100 से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे हुए है. 

अखिलेश की सरकार में कितने हुए दंगे 

अखिलेश यादव की सरकार के दौरान हुए मुजफ्फरनगर दंगे को शायद ही कोई भूल पाया होगा. साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों की शुरुआत कवाल गांव से हुई थी. 27 अगस्त 2013 को शाहनवाज, सचिन और गौरव नाम के युवक की हत्या कर दी गई थी.

जिसके बाद पूरे जिले में सांप्रदायिक तनाव फैल गया था और मुजफ्फरनगर के अलग-अलग इलाकों में 7-8 सितंबर को भीषण हिंसा हुई थी. इस हिंसा में 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे और हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा था.

साल 2012 में उत्तर प्रदेश में कुल 227 दंगे हुए. वहीं साल 2013 में 247. वहीं साल 2014 में 242. साल 2015 में 219. साल 2016 में भी 100 के ऊपर दंगे हो चुके हैं. अखिलेश सरकार के दौरान दंगों के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर था. 

राज्य में बाल अपराध में हुई कमी

  • एनसीआरबी डेटा के अनुसार उत्तर प्रदेश में बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों की संख्या में भी कमी आई है. राज्य में बाल अपराधों में 11.11 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. 
  • राज्य में साल 2019 में बच्चों के खिलाफ हुए अपराध के 18943 मामले दर्ज किए गए थे जबकि साल 2021 में यह रजिस्टर्ड मामलों की संख्या घटकर 16838 हो गई.

महिला-अपराधों में नहीं आई कोई कमी 

राज्य में साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ कुल 59853 मामले दर्ज किए गए. लेकिन दो साल बाद के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2021 में यह घटकर 56083 हो गए है. आंकड़ों से साफ है कि इस राज्य में साल 2019 की तुलना में साल 2021 में महिला अपराधों में 6.2 प्रतिशत की कमी आई है. लेकिन साल 2020 में  महिला अपराध के कुल 49,385 मामले दर्ज हुए थे. जो कि 2021 से कम है. 

कत्ल और बलात्कार के मामलों में कमी

योगी सरकार ने दावा किया है कि साल 2016-17 की तुलना में कत्ल के मामले में कमी आई है. अब एनसीआरबी के डाटा के अनुसार राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले में कमी तो आई है. लेकिन देश के अन्य राज्यों के मुकाबले जनसंख्या के लिहाज से बड़ा होने के कारण उत्तर प्रदेश इन अपराधों के मामले में सबसे पहले राज्यों में शामिल है.

उत्तर प्रदेश में साल 2016 से साल 2019 के बीच बलात्कार के मामलों में लगभग 36 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. लेकिन बलात्कार के मामले में भी यूपी पूरे देश में तीसरे स्थान पर है.  यानी राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद यूपी ही वो राज्य है जहां महिलाएं सबसे ज्यादा बलात्कार का शिकार हो रही हैं. 

एनसीआरबी क्या है? 

एनसीआरबी की स्थापना साल 1986 में हुई थी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है, इस का मुख्य उद्देश्य पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए बनाया गया था. ब्यूरो क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट, देश में कितनी आत्महत्या और आकस्मिक मृत्यु, भारत में कितने बच्चे और महिला लापता है को लेकर समय-समय पर रिपोर्ट जारी करता है.

एनसीआरबी डाटा से पता चलता कि देश में कितना अपराध बढ़ रहे या घट रहे हैं. इससे जानकारी मिलती है कि भारत के किस राज्य में अपराध में कमी या बढ़ोतरी दर्ज की गई है. क्राइम इन इंडिया की रिपोर्ट 2020 के मुताबिक सांप्रदायिक दंगों में साल 2019 की तुलना में 96 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई थी.

विपक्ष ने कब राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर साधा योगी पर निशाना 

हाल ही में पुलिस कस्टडी के दौरान ही गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है. कई विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार के कानून व्यवस्था को लेकर उन पर निशाना साधा है. 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के कानून व्यवस्था पर कहा, “मैं यूपी में बेशर्म अराजकता और कानून व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त होने से स्तब्ध हूं. यह शर्मनाक है कि अपराधी अब पुलिस और मीडिया की उपस्थिति से बेपरवाह होकर कानून अपने हाथ में ले रहे हैं. इस तरह के गैरकानूनी कार्यों का हमारे संवैधानिक लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. ”

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “न्यायपालिका को अपराधी की सजा तय करने का अधिकार है. लेकिन ये अधिकार किसी भी सरकार, नेता या कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है. 

साल 2022 में अखिलेश यादव ने 19 साल की युवती के साथ हुए दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा, 'महिला अपराधों में यूपी सबसे आगे है. लेकिन ये आंकड़े सरकार नहीं मानती है.

तो सरकार ये बताए कि सरकार के पास जो सिस्टम है, जिसको डायल 112 कर दिया गया है. उसके आंकड़े क्या कहते हैं. वहीं 109 जो बना था सुरक्षा के लिए उसके आंकड़े क्या कहते हैं. सरकार इन घटनाओं को लेकर संवेदनशील नहीं है. इस दौरान उन्होंने प्रयागराज में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या का भी जिक्र किया.'

वहीं हाल ही में अतीक और अशरफ की हत्या पर भी सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार और राज्य की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि यूपी में अपराधियों के हौसले बुलंद है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ बताया है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Parliament Session 2024: शिव की अभय मुद्रा, इस्‍लाम में अभय मुद्रा? संसद में राहुल गांधी के वार पर अमित शाह का पलटवार, देखें वीडियो
शिव की अभय मुद्रा, इस्‍लाम में अभय मुद्रा? संसद में राहुल गांधी के वार पर अमित शाह का पलटवार, देखें वीडियो
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के बेटे उमर और अली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, पूछताछ में खोले अहम राज
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के बेटे उमर और अली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, पूछताछ में खोले अहम राज
Kalki 2898 AD ने ही नहीं, प्रभास की इन 5 फिल्मों ने भी की थी पहले दिन धांसू कमाई, देखें पूरी लिस्ट
'कल्कि 2898 एडी' ने ही नहीं, प्रभास की इन 5 फिल्मों ने भी की थी पहले दिन धांसू कमाई
कन्नड़ स्टार दर्शन से जेल में मिलने पहुंची फैमिली, फूट-फूटकर रोया एक्टर, जानें क्या है मामला
कन्नड़ स्टार दर्शन से जेल में मिलने पहुंची फैमिली, फूट-फूटकर रोया एक्टर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Weather Update: कहीं गिरे घर, खिलौनों की तरह बहीं कारें, देखिए तबाही की तस्वीर | Rain and FloodRahul Gandhi Speech: राहुल ने लोकसभा में लहराई भगवान शिव की तस्वीर | Parliament Session 2024Parliament Session : 'डर' वाला' सलाम नमस्ते'! । Parliament Session । Rahul । PM Modi । BJPSandeep Chaudhary: Rahul Gandhi के भाषण पर देश के बड़े पत्रकारों का विश्लेषण | Parliament session

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Parliament Session 2024: शिव की अभय मुद्रा, इस्‍लाम में अभय मुद्रा? संसद में राहुल गांधी के वार पर अमित शाह का पलटवार, देखें वीडियो
शिव की अभय मुद्रा, इस्‍लाम में अभय मुद्रा? संसद में राहुल गांधी के वार पर अमित शाह का पलटवार, देखें वीडियो
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के बेटे उमर और अली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, पूछताछ में खोले अहम राज
उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के बेटे उमर और अली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, पूछताछ में खोले अहम राज
Kalki 2898 AD ने ही नहीं, प्रभास की इन 5 फिल्मों ने भी की थी पहले दिन धांसू कमाई, देखें पूरी लिस्ट
'कल्कि 2898 एडी' ने ही नहीं, प्रभास की इन 5 फिल्मों ने भी की थी पहले दिन धांसू कमाई
कन्नड़ स्टार दर्शन से जेल में मिलने पहुंची फैमिली, फूट-फूटकर रोया एक्टर, जानें क्या है मामला
कन्नड़ स्टार दर्शन से जेल में मिलने पहुंची फैमिली, फूट-फूटकर रोया एक्टर
'सनातन को डेंगू और अब हिंदुओं को हिंसक', भगवान राम का जिक्र कर कांग्रेस पर भड़के CM धामी
'सनातन को डेंगू और अब हिंदुओं को हिंसक', भगवान राम का जिक्र कर कांग्रेस पर भड़के CM धामी
यूपी MLC उपचुनाव के लिए बीजेपी ने घोषित किया प्रत्याशी, इस नेता को मिला टिकट
यूपी MLC उपचुनाव के लिए बीजेपी ने घोषित किया प्रत्याशी, इस नेता को मिला टिकट
ITBP Recruitment 2024: आईटीबीपी में निकली कई पदों पर भर्तियां, इस डेट से पहले करना होगा आवेदन
आईटीबीपी में निकली कई पदों पर भर्तियां, इस डेट से पहले करना होगा आवेदन
'कल्कि 2898 एडी' ही नहीं इन फिल्मों में भी कमल हासन बने हैं विलेन, जब भी किया निगेटिव रोल, हीरो की बजा दी बैंड
'कल्कि 2898 एडी' ही नहीं इन फिल्मों में भी कमल हासन बने हैं विलेन, हमेशा पड़े हीरो पर भारी
Embed widget