UP Politics: सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर विवाद, विपक्ष का आरोप- 'BJP कर रही ब्रांडिंग'
प्रयागराज में सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द ही माफियाओं की कब्जे से खाली हुई जमीन पर बने फ्लैट की चाबी सौंपेंगे. मुख्यमंत्री ने ही इसका भूमि पूजन और शिलान्यास खुद अपने हाथों किया था.
UP News: प्रयागराज में माफियाओं के कब्जे से खाली हुई जमीन पर गरीबों के लिए बेहद कम कीमत पर सस्ते आशियाने बनाए जाने के सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विवाद छिड़ गया है. विपक्षी पार्टियों ने सीएम योगी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के भगवाकरण का गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. विपक्ष का साफ आरोप है कि गरीबों से हमदर्दी जताने के नाम पर सरकारी खर्च पर बीजेपी की ब्रांडिंग की जा रही है.
हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों को लेकर विपक्ष पर पलटवार किया है. बीजेपी का कहना है कि आखिरकार विपक्ष को भगवा रंग से इतनी आपत्ति क्यों है. सीएम योगी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से माफिया अतीक अहमद का भी सीधा कनेक्शन है. संगम के शहर में सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट क्या है, यह विवादों में क्यों है, माफिया अतीक से इसका क्या कनेक्शन है? भगवाकरण के आरोपों पर कितनी सच्चाई है और क्यों इस प्रोजेक्ट पर सियासी घमासान छिड़ गया है?
क्या है पूरा मामला?
प्रयागराज के पाश इलाके लूकरगंज में तैयार हो रहा है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सपनों का प्रोजेक्ट है. यह प्रोजेक्ट ना सिर्फ तमाम गरीबों को सिर्फ नाम मात्र की रकम पर उन्हें सिर छुपाने के लिए सपनों का आशियाना मुहैया कराने वाला है, बल्कि यूपी में माफियाओं का आतंक खत्म होने और कानून का राज कायम होने का संदेश देने वाला भी है.
सीएम योगी ने सूबे में माफियाओं के कब्जे से खाली हुई जमीन पर गरीबों के लिए सस्ते आशियाने बनवाए जाने का ऐलान किया था. इस प्रोजेक्ट की शुरुआत प्रयागराज से किए जाने का फैसला किया गया था. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रयागराज के लूकरगंज इलाके में माफिया अतीक अहमद के कब्जे से खाली कराई गई सरकारी जमीन पर गरीबों के लिए सस्ते आशियाने बनाए जाने की शुरुआत की गई.
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सीएम योगी देंगे चाबी
इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास सीएम योगी ने 26 दिसंबर 2021 को खुद अपने हाथों किया था. इस मौके पर उन्होंने यहां एक सभा को भी संबोधित किया था. लूकरगंज इलाके में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के दो कमरों के 76 फ्लैट बनाए गए हैं. फ्लैट के निर्माण का काम पूरा हो चुका है. जल्द ही लॉटरी निकाली जाएगी और उसके बाद लाभार्थियों को चाबी सौंपी जाएगी. ड्रीम प्रोजेक्ट होने के नाते खुद सीएम योगी प्रयागराज आकर लाभार्थियों को अपने हाथों से उनके सपनों के आशियाने की चाबियां सौंपेंगे.
जिन आवेदकों के नाम लॉटरी में आएंगे, उन्हें यहां सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपए में ही दो कमरे के फ्लैट दिए जाएंगे. बाजारू कीमत की बात करें तो यहां इस तरह के फ्लैट की कीमत 50 लाख के करीब है. यहां सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपए में सपनों का आशियाना पाने के लिए बन रहे 76 फ्लैट के बदले छह हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था. हर एक फ्लैट के बदले 80 से ज्यादा आवेदन हुए.
फिनिशिंग और रंगाई-पुताई जारी
बहरहाल, सीएम योगी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट अब लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है. इन दिनों इसकी फिनिशिंग और रंगाई पुताई का काम चल रहा है. दो ब्लॉक में बने अपार्टमेंट के बाहरी हिस्से की पुताई भगवा रंग में की जा रही है. भगवा रंग में यह अपार्टमेंट बेहद खूबसूरत नजर आ रहा है. विवाद इसी भगवा रंग को लेकर है. सियासी घमासान भी इसी भगवा रंग को लेकर ही है. सपा और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों का साफ आरोप है कि योगी सरकार भगवा रंग से पुताई कर सरकारी खर्च पर बीजेपी की ब्रांडिंग कर रही है. एक पार्टी विशेष का प्रचार किया जा रहा है.
सपा विधायक डॉ० मान सिंह यादव का कहना है कि सरकार के पास उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ नहीं है. इसी वजह से विवाद खड़े कर चर्चा में बने रहना चाहती हैं. यह पूरी तरह गलत है और इस मामले को विधानसभा के अगले सत्र में सदन में भी उठाया जाएगा. दूसरी तरफ विपक्ष के तीखे हमले के बावजूद सरकार में शामिल बीजेपी के नेता कतई बैकफुट पर नहीं है और वह विपक्ष पर पलटवार कर रहे हैं.
बीजेपी विधायक का जवाब
प्रयागराज की जिस इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट में सीएम योगी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट बनकर तैयार हुआ है, वहां के विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह का साफ तौर पर कहना है कि आखिरकार विपक्ष को भगवा रंग से आपत्ति क्यों है, भगवा रंग शुभ माना जाता है यह प्रगति का प्रतीक है. ऐसे में इस पर सियासत करना और विवाद खड़ा करना कतई सही नहीं है. उनके मुताबिक भगवा रंग का विरोध विपक्ष की सांप्रदायिक मानसिकता को दिखाने वाला है.