गोरखपुर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने दो दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के दीक्षा भवन में नाबार्ड किसान सम्‍मान समारोह और किसानों के राज्‍य स्‍तरीय सम्‍मलेन में शिरकत की। सीएम योगी ने यहां किसानों को सम्‍मानित करते हुए उन्‍नत खेती के टिप्‍स दिए। इसके साथ ही उन्‍होंने पशुपालन और कृषि से जुड़ी अन्‍य विधाओं से किसानों को रोजगार तलाशने का आह्वान करते हुए कहा कि आज का समय ब्रांडिंग का है।


योगी आदित्‍यनाथ ने विश्‍वविद्यालय के दीक्षा भवन में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इसके साथ ही उन्‍होंने नाबार्ड, उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों और बैंकों को भी धन्यवाद दिया। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने मई 2014 में कहा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करना है, इसके लिए किसान सम्मान निधि, सॉइल हेल्थ योजना, ऋण माफी योजना जैसी योजनाओं से किसानों को लाभान्वित किया गया। एमएसपी की घोषणा से किसानों की आय बढ़ने का रास्ता साफ हुआ।


सीएम ने कहा कि तीन साल पहले तक किसी भी कृषि उत्पाद का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मिलता था। हम सीधे किसान से क्रय कर रहे हैं और सीधे उसके अकाउंट में पैसा भेज रहे हैं। तीन साल में ही लागत से हम डेढ़ गुना दे रहे हैं। पहले आढ़तियों से खरीद होती थी और किसान नहीं पाते थे। लोग टिप्पणी करते थे लेकिन, जो लोग जीवनभर चोरी और बेईमानी करते रहे, वो टिप्पणी करेंगे ही। एफपीओ और बैंकिंग संस्थाओं के द्वारा किसानों की आय दोगुनी हो सकती है।


योगी ने कहा कि अधिक से अधिक एफपीओ को सपोर्ट करके किसानों के लिए बेहतर प्रयास हो सकता है। वनटांगिया गांव के लोगों को पहले कुछ भी हासिल नहीं था लेकिन, हमारी सरकार ने पहली बार उनको आवास लेकर हर सुविधा देने का काम किया है। आज वो पत्तल के कटोरी प्लेट बना रहे हैं। हमने पिछले साल बाणसागर परियोजना शुरू की है। 1978 से 2017 तक इस योजना का कोई पुरसाहाल नहीं था लेकिन, हमारी केंद्र सरकार ने इसे शुरू किया। 1 लाख 75 हजार किसान इससे लाभान्वित हुए हैं। यूपी की धरती सोना उगलने का काम कर सकती है। यह क्षमता यहां मौजूद है।


सीएम योगी ने कहा कि खेती के साथ हम बकरी पालन, पोल्ट्री, दुग्ध उत्पादन जैसे काम कर सकते हैं। प्रदेश सरकार के सामने निराश्रित गौवंश बड़ी समस्या थी जो सरकार की नहीं, बल्कि किसानों की ही थी। हमने गौ-शालाओं की स्थापना की और अब तक साढ़े तीन लाख गोवंश गौ-शलाओं में हैं। कृषि में व्यापक संभावना है जिसे तलाशे जाने की जरूरत है। प्रदेश की सभी 60 हजार ग्राम पंचायतों में एक-एक एफपीओ का गठन किया जा सकता है। एक गौ-वंश 30 एकड़ खेती के लिए पर्याप्त है। हम अपने स्तर पर कुछ ऐसा नवाचार करें, जो दूसरों के लिए एक उदाहरण बन जाए।