गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के हिन्दू सेवाश्रम में श्री गोरखनाथ 'आशीर्वाद' अगरबत्ती का लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने महिला स्वयंसेवी समूह को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि इससे रोजमर्रा के कार्यों को संपादित करने के बाद भी महिलाएं स्वरोजगार से जुड़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि इससे जहां जरूरतमंदों को रोजगार मिलेगा तो वहीं आस्था का सम्मान भी होगा.
आय अर्जित कर सकती हैं महिलाएं
गोरक्षपीठ में अर्पित फूलों से बनने वाली इस अगरबत्ती और धूप की सुगंध काफी अच्छी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसकी चर्चा करते हुए कहा कि आस्था के साथ रोजगार भी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि शिवालयों पर चढ़ने वाले बेल पल्लव और तुलसी को भी उपयोग में लाया जा सकता है. इससे बेकार होने वाली वस्तुओं का उपयोग भी होगा. सीएम ने कहा कि आमतौर पर इन्हें हम वेस्ट मैटेरियल समझकर फेंक देते हैं लेकिन इससे इत्र बनाने का काम भी किया जा सकता है. इससे महिला स्वयं सेवी समूह की महिलाओं को काम मिलेगा. इससे वो आय भी अर्जित कर सकती हैं. महिलाओं को स्वावलंबी बनने का अवसर भी मिलेगा.
धरती पर कुछ भी अयोग्य नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मातृ शक्ति के स्वावलंबन के लिए ये बेहतरीन कदम है. केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सी मैप) भारत सरकार, लखनऊ, महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र गोरखपुर के साथ श्री गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर के सहयोग से इस मूर्तरूप दिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को आशीर्वाद दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा एक बात कहती रही है कि इस धरती पर कुछ भी अयोग्य नहीं है. कुछ अयोग्य नहीं है तो कुछ भी वेस्ट नहीं हो सकता. जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि. हम अपना दृष्टिकोण सकारात्मक और रचनात्मक बना लें. तो सर्वत्र हमें अच्छा दिखाई देगा. हम अपना दृष्टिकोण नकारात्मक बना लें तो कमी ही कमी दिखाई देगी.
अच्छे और सकारात्मक आते हैं परिणाम
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम रचनात्मक दृष्टिकोण को बनाते हुए किसी चीज को अपनाते हुए किसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं, तो इसके परिणाम भी अच्छे और सकारात्मक आते हैं. अब तक क्या होता था. लोग फूल चढ़ाते रहे हैं. मालाएं लेकर जाते रहे हैं. 12 से 24 घंटे बाद इसे फेंक दिया जाता था. नदी में प्रवाह कर दिया जाता था. कचरे में फेंक दिया जाता था. उन्होंने कहा कि इससे आस्था भी आहत होती रही है. कचरा भी खड़ा होता रहा है. सीमैप, महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केन्द्र मिलकर बड़ा कार्यक्रम आगे बढ़ा रहे हैं.
आस्था का सम्मान होगा
सीएम ने कहा कि जितने भी पुष्प आएंगे जो मंदिरों, तीर्थ स्थल में चढ़े होंगे. किसी ने घर में पूजा में इस्तेमाल किए होंगे. शादी-ब्याह मांगलिक कार्यक्रमों में उनका उपयोग किया गया होगा. खेत में किसी ने खेती की होगी और वे सूख रहे होंगे. हम उसके माध्यम से अगरबत्ती, धूपबत्ती और इत्र भी बना सकते हैं. इससे हर एक वेस्ट होने वाली चीज का उपयोग होगा. दूसरा आस्था का सम्मान होगा. इसके साथ ही ढेर सारी महिला स्वयंसेवी समूह से जुड़ी महिलाओं को काम भी मिलेगा. इससे वे अच्छी आय अर्जित कर सकती हैं.
कम होता है प्रदूषण
महिला स्वयंसेवी समूह की सदस्य नीलम पाण्डेय ने बताया कि केवीके से ट्रेनिंग लेने के बाद वो स्वावलंबन की ओर बढ़ रही हैं. उनके यहां 300 महिलाएं काम कर रही हैं. वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केवीके को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि वे लोग गोरखनाथ मंदिर और अन्य मंदिरों से फूल एकत्र कर सुखाती हैं. इसके बाद इसे सुखाया जाता है. अन्य सामग्रियां मिलाने और मद्धेशियन पहाड़ी लकड़ी का इस्तेमाल कर इसे तैयार करती हैं. इससे प्रदूषण कम होता है.
सीएम योगी को कहा धन्यवाद
महिला स्वयंसेवी समूह की सदस्य सुमन ने बताया कि इसे लेकर काफी प्रसन्नता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए वो कहती हैं कि उनकी वजह से स्वावलंबी बनी हैं. वे कहती हैं कि लॉकडाउन के दौरान वे इससे जुड़ी हैं. उन्होंने उन लोगों को स्वावलंबी बनाया है. लॉकडाउन में उन्हें रोजगार मिला है. उनके घर में कोई काम नहीं है. वे आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं. वे इसे आगे बढ़ाना चाहती हैं. उनका परिवार इससे चल जाएगा, उन्हें इसकी उम्मीद है.
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