UP News: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) शनिवार को गोरक्ष नगरी में धर्म, अध्यात्म और प्रकृति के संगम से रूबरू होंगे. उनकी अभूतपूर्व अगवानी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को व्यस्ततम दिनचर्या के बावजूद शाम को ही उनकी अगवानी के लिए गोरखपुर (Gorakhpur) पहुंच गए. उन्‍होंने रामगढ़ताल (Ramgarh Taal) के नया सवेरा का निरीक्षण किया. 


मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर हुई तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर गोरखपुर को खासकर राष्ट्रपति के कार्यक्रम स्थलों और उनके रूट को इस कदर सजाया-संवारा गया है कि इसकी खूबसूरती देखते ही बन रही है.


इन कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा
शनिवार (4 जून) को दोपहर बाद गोरखपुर आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद धार्मिक-आध्यात्मिक पुस्तकों के प्रकाशन की विश्व प्रतिष्ठित संस्था गीता प्रेस का भ्रमण करेंगे. वह गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ करते हुए आर्ट पेपर पर छपी रामचरितमानस के विशेष अंक और गीता तत्व विवेचनी का विमोचन करेंगे. इसके के साथ यहां के लीलाचित्र मंदिर का अवलोकन करेंगे. 


उनके आगमन के पूर्व प्रशासन‍िक और पुलिस के आलाधिकारियों ने फ्लीट के आगमन का रिहर्सल भी किया. राष्ट्रपति गीता प्रेस परिसर में आयोजित समारोह में अपने विचार भी व्यक्त करेंगे. उनके साथ राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे.


मंच पर रहेंगे 6 लोग
गीता प्रेस के ट्रस्‍टी देवी दयाल अग्रवाल ने बताया कि राष्‍ट्रपति यहां पर एक घंटे रहेंगे. उनका सौभाग्‍य है कि देश के प्रथम राष्‍ट्रपति डा. राजेन्‍द्र प्रसाद गीता प्रेस आए थे. उसके बाद राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद को सुनने और उनके सानिध्‍य का उन लोगों को सौभाग्‍य मिल रहा है. वे यहां पर लीला चित्र मंदिर का दर्शन भी करेंगे. मंच पर छह लोगों के बैठने की व्‍यवस्‍था की गई है. मंच पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद, उनकी धर्मपत्‍नी, राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ के अलावा गीता प्रेस के दो ट्रस्‍टी बैजनाथ अग्रवाल और विष्‍णु प्रसाद जी चांदगोठिया मंच पर रहेंगे.


67 वर्षों बाद आ रहे कोई राष्ट्रपति
ट्रस्‍टी देवी दयाल अग्रवाल ने बताया कि गीता प्रेस में 15 भाषाओं में 1800 से तरह की पुस्तकें छपती हैं. अब तक गीता प्रेस कल्‍याण पत्रिका को जोड़कर 90 करोड़ पुस्‍तकें छाप चुका हैं. अत्याधुनिक मशीनों की वजह से 60 हजार पुस्‍तकें प्रतिदिन यहां से छप कर लोगों को देश के 20 केन्‍द्रों के माध्‍यम से देश और विदेश में लोगों को पुस्‍तकें उपलब्‍ध कराई जा रही है. 29 अप्रैल 1955 को प्रथम राष्‍ट्रपति डा. राजेन्‍द्र प्रसाद यहां पर आए थे. उन्‍होंने यहां पर गीता प्रेस के मुख्‍य द्वार और लीला चित्र मंदिर का उद्घाटन किया था. उसके 67 वर्षों बाद भारत के राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद पधार रहे हैं.


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तैयारियां पूरी
गीता प्रेस के राष्ट्रपति के आगमन की जिम्मेदारी संभाल रहे अपर जिलाधिकारी वित्त और राजस्‍व राजेश सिंह ने बताया कि यहां पर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है. उनके आगमन को लेकर रिहर्सल लगातार चल रहे हैं. दो बार फ्लीट की रिहर्सल भी हो चुकी है. साज-सज्‍जा का कार्य रात तक पूर्ण कर लिया जाएगा. ये कार्यक्रम के अनुसार 5 बजे राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य यहां पर आएंगे और उसके बाद प्रस्थान करेंगे.


गीता प्रेस का भ्रमण करने के उपरांत राष्ट्रपति श्री कोविंद नाथ संप्रदाय के विश्व प्रसिद्ध मठ गोरखनाथ मंदिर जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मंदिर के पीठाधीश्वर हैं. राष्ट्रपति मंदिर में शिव अवतारी गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन करेंगे. वह यहां की गोशाला में गोसेवा भी कर सकते हैं. साथ ही गोरक्षपीठाधीश्वर की तरफ से उनके सम्मान में जलपान का भी आयोजन किया गया है. इसमें चुनिंदा गणमान्यजन को राष्ट्रपति का सानिध्य भी प्राप्त होगा.


इस पर्यटन स्थल पर जाएंगे राष्ट्रपति
गोरखनाथ मंदिर से निकलकर राष्ट्रपति रामगढ़ताल पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित इस नैसर्गिक ताल का सौंदर्य देखने के साथ ही वह राज्यपाल और मुख्यमंत्री के संग मनमोहक साउंड एंड लाइट शो का भी आनंद उठाएंगे. ताल क्षेत्र में राष्ट्रपति के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण की तरफ से एक स्पेशल बोट की व्यवस्था कराई गई है. साउंड एंड लाइट शो के दौरान कुछ बच्चे भी राष्ट्रपति के साथ उपस्थित रह सकते हैं.


सीएम ने तैयारियों को लेकर की समीक्षा
गोरक्षनगरी में राष्ट्रपति के अभूतपूर्व और ऐतिहासिक स्वागत के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सप्ताह के भीतर दूसरी बार तैयारियों की ग्राउंड जीरो पर समीक्षा की. 29 मई को सीएम ने गीता प्रेस और गोरखनाथ मंदिर में राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर हुई तैयारियों का जायजा लिया था. शुक्रवार को लखनऊ में पीएम मोदी की मौजूदगी वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी और कानपुर देहात में राष्ट्रपति के पैतृक गांव परौंख में राष्ट्रपति और पीएम का दौरा सम्पन्न कराने के बाद सीएम सीधे गोरखपुर पहुंचे. 


यहां पहुंचते ही उन्होंने राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर रामगढ़ताल का निरीक्षण किया. साउंड एंड लाइट शो को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी स्तर पर चूक नहीं होनी चाहिए. तैयारियों को लेकर उन्होंने सर्किट हाउस में राष्ट्रपति के ठहरने के इंतजाम का भी जायजा लिया.


तीसरी बार आ रहे गोरखपुर
रामनाथ कोविंद ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं जो तीसरी बार गोरखपुर आ रहे हैं. इसका श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है. श्री कोविंद बतौर राष्ट्रपति सबसे पहले 10 दिसम्बर 2018 को गोरखपुर आए थे. तब वह महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए थे. 


गोरखनाथ मंदिर जाकर गुरु गोरक्षनाथ की आराधना की थी. इसके बाद उनका गोरखपुर आगमन 28 अगस्त 2021 को हुआ था. तब उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का शिलान्यास और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया था.


यहां भी जाएंगे राष्ट्रपति
चार जून, शनिवार को गोरखपुर सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करने के उपरांत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पांच जून, रविवार की सुबह संत कबीर की साधना स्थली मगहर जाएंगे. 29 मई को यहां का दौरा कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तैयारियों की समीक्षा कर जरूरी दिशा निर्देश दे चुके हैं. राष्ट्रपति के साथ मगहर में राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी भी मौजूद रहेंगे. 


संत कबीर की समाधि पर श्रद्धा निवेदित करने के साथ ही राष्ट्रपति संत कबीर अकादमी व शोध संस्थान तथा विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे. उल्लेखनीय है कि योगी सरकार संत कबीर की साधना स्थली को महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कर रही है. इसके दृष्टिगत यहां संतकबीर अकादमी, शोध संस्थान, गजवे, पार्क, म्यूरल गैलरी, एग्जीबिशन सेंटर, पाथवे, कैफेटेरिया, लाइफ एंड साउंड, व्याख्यान केंद्र, घाटों का विकास, संगीतमय फव्वारा, प्रदर्शनी क्षेत्र, सार्वजनिक सुविधाएं, मार्ग, प्रदर्शनी गलियारा, प्रकाश व ध्वनि कार्यक्रम, सोलर लाइट, रंगीन रोशनी, चहारदीवारी, स्मारकों की रोशनी, हाई मास्ट लाइट, नावें, दुकानें, बोटिंग के समय सुरक्षा उपकरण, बेंच, कूड़ेदान, पार्को की ग्रीनरी आदि कार्य कराए गए हैं.


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