सीएम योगी ने Greater Noida को दी 1670 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात, 4 लाख घरों में पहुंचेगा का गंगा का पानी
ग्रेटर नोएडा में गंगाजल परियोजना के जरिए चार लाख घरों में पानी सप्लाई किया जाएगा. इसके लिए 176 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का नेटवर्क बिछाया गया है.इसमें 376 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
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UP News: सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मंगलवार को ग्रेटर नोएडा को गंगाजल परियोजना (Gangajal Project) समेत 1670 करोड़ रुपए की विभिन्न योजनाओं की सौगात दी. ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-4 में उन्होंने इन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. 85 क्यूसेक की गंगाजल परियोजना की शुरुआत होने के बाद घरों में स्वच्छ पीने योग्य जल की आपूर्ति संभव होगी. इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि गौतमबुद्धनगर देश ही नहीं, विदेश में भी निवेश का सबसे अच्छा गंतव्य बन रहा है.
गंगा मइया खुद स्वच्छ जल देने घर आ रही हैं
सीएम योगी ने कहा कि अब तक लोग गंगा स्नान करने जाते थे, लेकिन अब गंगा मइया खुद लोगों के घर तक स्वच्छ जल देने आ गई हैं. 85 क्यूसेक गंगाजल यहां उपलब्ध होने जा रहा है. यहां पर 176 किलोमीटर पाइपलाइन का नेटवर्क बिछाया गया है. 5 एकड़ में 19 रिजर्व वायर का निर्माण हुआ. इस पर 376 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय हुई. 4 लाख लोग इसके माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कर पाएंगे.यहां पर 28 आवासीय सेक्टर में यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं और मार्च 2023 तक 38 आवासीय सेक्टर तक विशुद्ध गंगाजल की आपूर्ति करने वाले हैं.
माफिया की चपेट में था गौतमबुद्धनगर
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि साढ़े पांच वर्ष पहले ये पूरा क्षेत्र मुख्यमंत्रियों के लिए अभिशप्त माना जाता था, ये पूरा क्षेत्र विकास की योजनाओं में गिद्ध दृष्टि लगाए हुए माफिया की चपेट में थे जो यहां किसानों का एक ओर शोषण करते थे तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के नौजवानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते थे और अथॉरिटी से जुड़ी हुई धनराशि का दुरुपयोग करते थे. यहां की औद्योगिक इकाइयां यहां से पलायन कर रही थीं. पिछले साढ़े पांच वर्षों में गौतमबुद्ध नगर की तस्वीर बदली है. यहां उत्तर भारत के पहले डाटा सेंटर का भी लोकार्पण हुआ. पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि अगर पिछली सरकारें होतीं तो ये डाटा सेंटर यहां कभी नहीं लग पाता. ये कमजोरी अथॉरिटी की नहीं, पॉलिटिकल लीडरशिप की थी, जो स्वयं बेईमानी में डूबी हुई थी. यहां पर कोई भी सुरक्षित नहीं था, कार्य समयबद्ध ढंग से नहीं हो पाता था, आखिर अपनी पूंजी और स्वयं की सुरक्षा को दांव पर लगाते हुए कोई निवेशक कैसे आता.
उत्तर प्रदेश से खत्म हुआ संगठित अपराध
सीएम ने कहा, 'कभी जेवर क्षेत्र अपराध के गढ़ के रूप में जाना जाता था. जुलाई 2017 में यहां वीभत्स कांड हुआ था, जिससे पूरी मानवता दहल उठी थी. तब मैंने कहा था कि इन माफियाओं, दुष्कर्मियों को सबक सिखाना होगा. हमने तब अपनी कार्रवाई प्रारंभ की थी. तब हमने अपनी इच्छाशक्ति से इनके खिलाफ लड़ना प्रारंभ किया था. कार्रवाई आगे बढ़ी और आज उत्तर प्रदेश से संगठित अपराध खत्म हुआ है.'
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