UP News: मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्‍त विश्‍वविद्यालय (Rajarshi Tandon Open University) के गोरखपुर (Gorakhpur) क्षेत्रीय केन्‍द्र का शिलान्‍यास किया. इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (Narendra Modi) की दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के लागू होने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति आ गई है. यही वजह है मुक्‍त विश्‍वविद्यालय का महत्व बढ़ गया है. एक साथ एक ही समय में स्‍टूडेंट दो कोर्स कर सकते हैं. 


इससे उन्‍हें करियर के लिए भी दो च्‍वाइस मिल सकेंगे. वे अपनी पसंदीदा जॉब को चुन सकते हैं. नई शिक्षा नीति के फलस्वरूप एक क्लास में बैठे छात्र-छात्राएं दूर बैठे शिक्षक से डिजिटल माध्यम से जुड़कर शिक्षा अर्जित कर रहे हैं. राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय भी इस उद्देश्य में खरा उतरेगा, ऐसी उम्मीद है.


क्या बोले CM योगी?
गोरखपुर के रामगढ़ताल पर भूमि के शिलान्‍यास के बाद बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में लोगों को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले इस विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों को बधाई देता हूं कि अब उनका अपना सेंटर स्थापित हो रहा है. उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्‍त विश्वविद्यालय जब अगले वर्ष रजत जयंती वर्ष मना रहा होगा, तो यहां से जुड़े 7 हजार छात्र-छात्राओं के लिए अपना भवन बन चुका होगा. 


सबसे पहले विश्विद्यालय का नामकरण जिन महापुरुष के नाम पर हुआ है. जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर हिंदी के उपासक, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महापुरुष के नाम पर विश्विद्यालय की स्थापना 1998 में हुई. 7,000 से अधिक छात्र-छात्राएं जिनका कोर्स से संबंध है, रजत जयंती पर उनका सेंटर गोरखपुर में अगले वर्ष तैयार हो जाएगा.


Prayagraj News: संगम के 5 किमी के दायरे में लगेगी मांस और शराब की बिक्री पर रोक? सीएम योगी को लिखा पत्र


डिजिटल इंडिया को लेकर कही ये बात
सीएम ने कहा कि विश्वविद्यालय जब रजत जयंती वर्ष में प्रवेश करेगा, तो उनका अपना भवन होगा. नई शिक्षा नीति को पीएम नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है. ये पहली बार है जब छात्र एक साथ दो डिग्री ले सकता है. इसके पहले ऐसा नहीं था. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के साथ ही इस प्रकार के कोर्स का महत्व बढ़ेगा. कोविड के बाद से दुनिया में इस प्रकार के विश्वविद्यालय को दुनिया ने स्वीकार किया है. पीएम मोदी कितने दूरदर्शी हैं. 


2014 के बाद उन्होंने डिजिटल इंडिया की परिकल्पना का सपना देखा था, तब लोग हंसते थे कि डिजिटल इंडिया का क्या काम. लेकिन जब डिजिटल ट्रांसफर से रुपये जाने लगे, तब लोगों को इसका महत्व समझ में आया. कोरोना के समय जब एक क्लास में बच्चे हों, तो शिक्षक दुनिया के किसी भी कोने से उन्हें डिजिटल माध्यम से शिक्षित कर सकता है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के शिक्षक भी प्रयागराज में केंद्र पर बैठकर एक साथ हजारों बच्चों को शिक्षित कर सकता है.


पीएम मोदी को लेकर क्या कहा?
हमारे यहां पीएम मोदी ने स्किल इंडिया को आगे बढ़ाया है. विदेशों में बच्चों को समझदार होते ही उन्हें कमाने-खाने की ओर अग्रसर कर देते हैं. हमारे यहां ऐसा नहीं है. हमें बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्किल इंडिया की ओर बढ़ाना चाहिए. जिससे वो खुद के स्वावलंबन के साथ परिवार की जिम्मेदारियों को भी पूरा कर सकता है. एक साथ दो डिग्री लेकर किसी भी क्षेत्र में काम करने का अधिकार है. 


यहां आईआईटी का टेक्नोक्रेट अमेरिका में नौकरी करते हुए दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कार्डियोलॉजिस्ट बन सकता है. उसके बाद वो इंडिया में काम करने का इच्छुक है. राजर्षि टंडन को नई तकनीक के माध्यम से जोड़कर रजत जयंती पर तकनीक के माध्यम से बहुत आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने में राजर्षि टंडन मुक्त विश्विद्यालय निरन्तर कार्य करता रहेगा.


1200 से ज्यादा होंगे अध्ययन केंद्र
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए बताया कि 1998 में स्थापित इस मुक्त विश्वविद्यालय के 12 क्षेत्रीय केंद्रों के जरिये 1200 से अधिक अध्ययन केंद्र संचालित हैं. 137 पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में दूरस्थ प्रणाली से उच्च शिक्षा की लौ प्रज्ज्वलित की जा रही है. उन्होंने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय के प्रयागराज, लखनऊ और बरेली में क्षेत्रीय केंद्र के भवन बन गए हैं. 


आज गोरखपुर के क्षेत्रीय केंद्र का शिलान्यास हुआ है. कानपुर के क्षेत्रीय केंद्र भवन निर्माण की प्रक्रिया जारी है. वाराणसी और अयोध्या में भवन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. आभार ज्ञापन कुलसचिव प्रो. प्रेम प्रकाश दूबे ने किया. कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद, महापौर सीताराम जायसवाल, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह, उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती अंजू चौधरी आदि की सहभागिता रही.


ये भी पढ़ें-


BJP कार्यसमिति की बैठक में CM योगी का बड़ा बयान, काशी और मथुरा को लेकर दिया ये नया संदेश