UP News: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के सोहरामऊ थाना क्षेत्र के चौपई गांव के रहने वाले सुरेश ठाकुर की गुरुवार को मौत हो गई. सुरेश को शाम को संदिग्ध हालात में जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सुरेश की पत्नी ने आरोप लगाया कि 28 जुलाई को गांव वालों ने उनसे मारपीट की थी और उनका तब से इलाज चल रहा था. शाम को सांस लेने में कुछ दिक्कत हुई उसके बाद उल्टियां हुई और हालात बिगड़ने लगी.


सुरेश की पत्नी ने बताया कि 27 जुलाई को गांव में बन रही चौकी का वीडियो बनाने पर पड़ोसियों से उनकी मारपीट हो गई थी. इसके बाद जब वह 28 जुलाई की सुबह बाइक से लौट रहे थे उस समय भी पड़ोसियों ने उन्हें पीटा था. सुरेश की पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि जब इस प्रकरण में वह पुलिस के पास एफआईआर कराने के लिए गई तो पुलिस ने सुलह का दबाव बनाया, हालांकि इस मामले पर स्थानीय SO अवधेश सिंह का कहना है कि मारपीट नहीं बल्कि सिर्फ कहासुनी हुई थी. 


कौन थे सुरेश


सुरेश लखनऊ के अंबेडकर पार्क में प्लांट ऑपरेटर थे और कर्मियों के नेता भी थे. कर्मियों की मांग उठाने के लिए सुरेश ने धरना दिया था. जिससे नाराज होकर अधिकारियों ने बिना बताए उन्हें टर्मिनेट कर दिया था. सुरेश पिछले चुनाव में योगी के हमशक्ल के कारण वायरल हुए थे. सुरेश पीछे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह दिखते थे और अखिलेश ने भी उनके लिए कहा था कि उनके पास भी एक बाबा हैं.


किससे हुआ था विवाद?


पत्नी के मुताबिक गांव के ही रहने वाले उमेश सिंह और रमन सिंह जो की जमीन का कारोबार करते हैं उन्होंने ही पुलिस चौकी का वीडियो बनाने के दौरान सुरेश से मारपीट की थी और उनके वहां भी तोड़ा था. दोनों की पकड़ थाने तक थी इसलिए सुनवाई नहीं हुई, जिससे उनके हौसले और बुलंद होते गए और उन्हीं की पिटाई के कारण सुरेश की मौत हो गई.






अखिलेश ने ट्वीट कर लगाई न्याय की गुहार


सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा की 'सपा के प्रचारक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले सुरेश ठाकुर की पीट-पीट कर हत्या की घटना अत्यंत हृदय विदारक है. सरकार से अपील है कि वह जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही सुनिश्चित करे. भावभीनी श्रद्धांजलि.'


पुलिस का पक्ष


पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में जारी प्रश्नों में बताया कि 10 अगस्त दोपहर 12:00 सुरेश की तबीयत खराब होने की बात निकल कर सामने आई थी जिसके बाद उन्हें उन्नाव जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सही कारण जानने के लिए सुरेश का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया. पुलिस के मुताबिक शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं है और इसलिए पीट-पीटकर मारने जैसी खबर ना प्रसारित की जाए.


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