Yogi Mahasabha Meeting: नाथ पंथ के संतों-महंतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को उत्तर प्रदेश (UP) के गोरखपुर (Gorakhpur) के गोरखनाथ मंदिर (Gorakhpur Temple) में हुई. बैठक महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गोरक्षपीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई. बैठक में देशभर के प्रमुख नाथ पंथी योगियों की उपस्थिति में महासभा की भावी योजनाओं समेत अलग-अलग विषयों पर चर्चा हुई.


देश के वर्तमान सामाजिक और राष्ट्रीय परिस्थितियों में नाथ पंथ की भूमिका के निर्धारण में इस बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. उल्लेखनीय है कि यह महासभा देश में नाथ पंथी धर्मचार्यों का सबसे बड़ा संगठन भी है. रविवार को हुई बैठक में अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मस्तनाथ पीठ के महंत सांसद योगी बालकनाथ, महामंत्री महंत चेताईनाथ, जूनागढ़ के महंत बापू शेरनाथ, फतेहपुर शेखावटी के महंत नरहरिनाथ, केदली मठ मैंगलोर के महंत राजा निर्मलनाथ, अंबाला के महंत पारसनाथ, जालौर के महंत गंगानाथ, 18 मठ के महंत समुंदरनाथ सहित सभी पंथों के महंत, पीठाधिपति एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित रहे.


1939 में हुई थी महासभा की स्थापना


समाजिक और राष्ट्रीय एकता, समरसता के अभियान को राष्ट्रव्यापी फलक देने के लिए अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की स्थापना साल 1939 में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की ओर से की गई थी. वह आजीवन इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. उनके ब्रह्मलीन होने के बाद 1969 से महंत अवैद्यनाथ महाराज इस केंद्रीय संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए. वह भी आजीवन इस महासभा के मुखिया रहे.


25 सितंबर 2014 को योगी आदित्यनाथ बने अध्यक्ष


अवैद्यनाथ महाराज के समाधिस्थ होने के बाद महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 25 सितंबर 2014 को गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को इस केंद्रीय संगठन का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया. अलग-अलग पंथों के मुखिया या उनके प्रतिनिधि योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मंदिर, मठों या पूजा स्थलों का संचालन करते हैं.


हरिद्वार में है मुख्य कार्यालय


गुरु गोरखनाथ की ओर से प्रवर्तित नाथ पंथ प्रमुख रूप से 12 उपपंथों में विभाजित है. ये सभी उपपंथ साधना-प्रणाली और दार्शनिक मत दोनों में साम्य रखते हैं. इन उप पंथों के नाम सतनाथी, रामनाथी, धर्मनाथी, लक्ष्मननाथी, दरियानाथी, गंगानाथी, बैरागीपंथी, रावलपंथी या नागनाथी, जालन्धरनाथी, आई पंथी या ओपन्थी, कापलती या कपिल पंथी और धज्जा नाथी या महावीर पंथी हैं. ये अलग-अलग उप पंथ देश के विभिन्न भागों में अपना प्रमुख केंद्र रखते हुए देशव्यापी संगठन से संबद्ध हैं. अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा केंद्रीय संगठन की तरह कार्य करती है. इसका मुख्य कार्यालय हरिद्वार में है.


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