NCORD Committee Meeting In UP: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंगलवार को एनकॉर्ड राज्य स्तरीय समिति की बैठक हुई. बैठक में केंद्र और राज्य सरकार के कई अधिकारी शामिल हुए. इस विशेष बैठक में सीएम योगी की ओर से कई प्रमुख दिशा-निर्देश दिए गए. इनमें मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या से लेकर नशे के आदी लोगों को नया जीवन देने को लेकर निर्देश हैं.

 

सीएम योगी की ओर से दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश

●  मादक पदार्थों की तस्करी की समस्या किसी एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि एक व्यापक समस्या है और इससे निपटने के प्रयास भी एकीकृत होने चाहिए. प्रवर्तन से जुड़े सभी बल एकजुट होकर इस दिशा में कार्रवाई करें. हमें ड्रग्स के सोर्स की पड़ताल, उसके नेटवर्क की समाप्ति, दोषियों की गिरफ्तारी और नशा करने वालों के पुनर्वास के बहुआयामी प्रयास करने होंगे.


● प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है. पुख्ता इंटेलिजेंस इकट्ठा करें, बेहतर कार्ययोजना तैयार करें और फिर पूरी तैयारी के साथ बड़ी कार्रवाई करें, जो भी व्यक्ति ऐसे असामाजिक कार्य में संलिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ कुर्की सहित कठोरतम कार्रवाई की जाए. ड्रग माफिया के पूरे नेटवर्क के खात्मा किया जाना आवश्यक है.

 

● संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा. अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए. गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा. बेहतर समन्वय के साथ ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

 

● नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, भारत सरकार (एनसीबी) की ओर से गोरखपुर में नया जोन मुख्यालय बनाए जाने का फैसला लिया गया है. मुख्यालय के भवन के लिए आवश्यक जमीन आदि संसाधनों की उपलब्धता प्रदेश सरकार की ओर से कराई जाए. एनसीबी का यह प्रयास प्रदेश में नशे के अवैध कारोबार की समाप्ति में हमारा बड़ा सहयोगी होगा.

 

● ड्रग ट्रैफिकिंग के अवैध कारोबार में संलिप्त लोग समाज के दुश्मन हैं. यह मानवता के अपराधी हैं. ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए. एनडीपीएस के मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जानी जरूरी है, ताकि अपराधियों को शीघ्र सजा मिले. एनडीपीएस अधिनियम के तहत सर्वाधिक लंबित मुकदमों वाले जिलों में स्पेशल का गठन किया जाना चाहिए. इस संबंध में शासन स्तर से आवश्यक कार्यवाही की जाए.

 

● प्रदेश में ड्रग ट्रैफिकिंग के खिलाफ सुनियोजित और प्रभावी कार्रवाई के लिए पिछले साल महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार की ओर से अगस्त 2022 में 'एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स' का गठन किया गया है. एएनटीएफ के पास सर्च, जब्ती, गिरफ्तारी, कुर्की, कस्टडी, विवेचना जैसे सभी जरूरी अधिकार हैं. यह खुशी का विषय है कि एएनटीएफ प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की व्यवस्था को आदर्श मानकर इसे अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय माना गया. एएनटीएफ की आवश्यकता के अनुरूप सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं.

 

● एएनटीएफ में अवस्थापना सुविधाओं को विस्तार देते हुए वर्तमान में गोरखपुर, मेरठ और बाराबंकी में एएनटीएफ थाने स्थापित किए गए हैं, जबकि 5 ऑपरेशनल यूनिट क्रियाशील हैं. अब अगले चरण में झांसी, सहारनपुर और गाजीपुर में भी थाने क्रियाशील किए जाएं.

 

● मादक पदार्थों के अवैध क्रय, विक्रय, उपयोग आदि पर प्रभावी लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं. साल 2020 में 11400 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी हुई, जबकि साल 2021 और 2022 में क्रमशः 11749 और 11595 लोगों की गिरफ्तारी हुई. अकेले एएनटीएफ की ओर से 26 मामलों में 64 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि 27 करोड़ 43 लाख के अवैध मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं.

 

● मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए भारत सरकार के एनकॉर्ड पोर्टल और निदान प्लेटफॉर्म का समुचित उपयोग करना चाहिए. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को और मजबूत बनाया जाए, ताकि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक कार्रवाई की जा सके.

 

● भारत सरकार की मंशा के अनुरूप जिला-स्तरीय और राज्य-स्तरीय एनकॉर्ड की बैठकें नियमित अन्तराल पर की जाएं. यह बैठक हर दशा में हर माह होनी चाहिए. कुछ जिलों में बैठक में देरी की सूचना है. प्रमुख सचिव गृह और स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था की ओर से इन जिलों की समीक्षा की जाएगी.

 

● ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई सिर्फ किसी एक सरकार की लड़ाई नहीं जन-जन की लड़ाई है. नशे के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन बनाना होगा. इस साल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितंबर) से महात्मा गांधी की जयंती (02 अक्टूबर) तक नशा मुक्ति विषयक प्रदेशव्यापी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी करें.

 

● शिक्षण संस्थानों में नशा मुक्ति के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए और बेहतर कार्य किया जाना चाहिए. नशा छोड़ चुके लोगों के अनुभवों के वीडियो प्रसारित किए जाएं. उच्च शिक्षण संस्थानों में जागरूकता सामग्री का वितरण कराया जाए, कॉन्फ्रेंस के आयोजन भी होने चाहिए. अवकाश के दिनों में शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जाए.

 

● नशे के आदी लोगों को नशामुक्ति की राह दिखाकर नया जीवन देते हुए उनके पुनर्वास की दिशा में वाराणसी में 'अपना घर' जैसे स्वयंसेवी/गैर सरकारी संस्थाओं ने प्रेरक कार्य किया है. सभी जिलों में ऐसे गैर सरकारी संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं को प्रोत्साहित किया करना होगा. प्रथम चरण में सभी मंडल मुख्यालयों पर ऐसे पुनर्वास केंद्रों की स्थापना की तैयारी की जाए.