Ayodhya News: अयोध्या गैंगरेप मामले में पीड़िता की मां ने लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. सीएम ने सपा नेता मोईद खान पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया. कल विधानसभा में कानून व्यवस्था पर सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी को आईना दिखाया था. सीएम योगी ने कहा था कि अयोध्या व हरदोई मामले में सपा के नेता आरोपी,यह समाज के कोढ़ हैं.
सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या में दुष्कर्म करने वाला सपा सांसद का करीबी है. सपा ने अब तक इस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की. सीएम योगी ने विधानसभा में सपा के लोगों को महिला सुरक्षा के लिए खतरा बताया था. गैंगरेप का आरोपी सपा नेता और अवधेश पासी का करीबी बताया जाता है. अयोध्या में सपा नेता द्वारा गैंगरेप के बाद वीडियो बनाने का मामला सामने आने के बाद बात पुख्ता हुई.
पुलिस ने समाजवादी पार्टी के भदरसा नगर अध्यक्ष मोइद खान और नौकर राजू खान को अरेस्ट किया था. आरोप है कि सपा नेता मोइद खान ने पहले बच्ची के साथ बलात्कार किया, फिर वीडियो बनाया. दोनों आरोपी ढाई माह तक मासूम का गैंगरेप करते रहे. गर्भवती होने पर मामला सामने आया. दूसरी ओर सपा नेता की घिनौनी करतूत पर अयोध्या के सांसद बोलने से कतराते रहे.
एनसीपीसीआर ने दिया नोटिस
इससे पहले एनसीपीसीआर ने अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को संबोधित एक पत्र में आरोपों की गंभीरता को रेखांकित किया, जिसमें हमले का वीडियो बनाना भी शामिल है.
खबरों के अनुसार, लड़की के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया, जिनमें से एक आरोपी कथित तौर पर समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़ा हुआ है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012 के तहत बाल अधिकारों की रक्षा और संबंधित कानूनी ढांचे की निगरानी के लिए अधिकृत एनसीपीसीआर ने तत्काल और पूरी तरह से कार्रवाई का अनुरोध किया है.
आयोग के पत्र में पीड़िता की गोपनीयता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया गया है और कानूनी कार्रवाई के लिए आवश्यक कदमों की रूपरेखा दी गई है. अयोध्या के एसएसपी को तीन कार्य दिवस के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.
एनसीपीसीआर ने पत्र में कहा कि रिपोर्ट में मामले में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) की सत्यापित प्रति, आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विस्तृत विवरण, पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट की सत्यापित प्रति और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत पीड़िता के बयानों की सत्यापित प्रति शामिल होनी चाहिए.
इसके अतिरिक्त एसएसपी को पीड़िता के उपचार और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा भी देना होगा. एनसीपीसीआर ने यह निर्देश जारी करते हुए पीड़िता को त्वरित न्याय और व्यापक सहायता देने का आग्रह किया है.
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