Russia Ukraine Crisis: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे राज्य के छात्र-छात्राओं से रविवार को यहां मुलाकात की और दावा किया कि इतना सफल और व्यवस्थित स्वदेश वापसी अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया था.


मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर यूक्रेन से लौटे 52 छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों से मुलाकात के दौरान कहा कि यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर विश्वास का ही परिणाम है कि इस तरह की सुरक्षित वापसी संभव हो सकी है. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के रोमानिया और हंगरी समेत यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 'व्यक्तिगत' संबंधों का ही परिणाम है कि इन मुल्कों ने सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोल रखी थीं, जिससे उनकी सुरक्षित स्वदेश वापसी हो सकी.


सीएम योगी ने किया ये बड़ा दावा


सीएम योगी ने दावा किया, "यूक्रेन में फंसे दूसरे देशों के नागरिक अपने खर्च पर स्वदेश वापसी के लिए मजबूर हैं, लेकिन भारत सरकार अपने नागरिकों को सरकारी खर्च पर स्वदेश वापस ला रही है. इससे पहले अभी की तरह सफल और व्यवस्थित वापसी अभियान कभी नहीं चला था." उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के 2,397 छात्र-छात्राएं यूक्रेन में मेडिकल तथा अन्य संबद्ध पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं. उनमें से शनिवार शाम तक 1400 छात्र-छात्राओं को सकुशल वापस लाया जा चुका है, जबकि शेष 1000 विद्यार्थियों को सरकार वापस लाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया, ‘‘आज भी कुछ लोग वापस आ रहे हैं. प्रदेश के हर जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों के अभिभावकों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे.’’ मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मौजूद छात्र-छात्राओं से बातचीत भी की.




सीएम ने कही ये बड़ी बात


सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यू्क्रेन से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने रूस के राष्ट्रपति से और अन्य नेताओं से भी बातचीत की है. योगी आदित्यनाथ ने छात्रों से कहा, ‘‘ आप लोग अपने पाठ्यक्रम को अपने घर में रहकर रिवीजन करते रहें फिर बाद में उसके बारे में सरकार जरूर बात करेगी." मुख्यमंत्री ने प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा, "आप लोगों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाना पड़ा. कारण यह है कि आजादी के बाद से इसके बुनियादी ढांचे पर जो ध्यान दिया जाना चाहिए था वह नहीं दिया गया. ’’ उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में पढ़ाई का खर्च 20 से 30 लाख रुपये होता है. अमेरिका और ब्रिटेन में लगभग दो करोड़ रुपये खर्च होते हैं, लेकिन भारत के सरकारी मेडिकल कॉलेज में आपकी पढ़ाई मात्र चार से पांच लाख रुपये में हो जाएगी.


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