UP Teacher Recruitment Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार (16 अगस्त) को 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा मंत्री संदीप की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले में माननीय न्यायालय के फैसले का मैं सम्मान और स्वागत करता हूं. हम सभी ने न्यायालय का आदेश देखा है कि उसने 3 महीने का समय दिया है और न्यायालय ने कहा है कि हम चयन सूची की फिर से समीक्षा करें और सूची तैयार करें.



मंत्री संदीप सिंह ने यह भी कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार हमेशा से हर युवा के भविष्य को सुरक्षित करने, पूरे समाज, हर वर्ग को साथ लेकर चलने की दृष्टि से काम करती रही है और मैं सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राज्य सरकार सभी को साथ लेकर चलने का काम कर रही है. न्यायालय ने हमें तीन महीने का समय दिया है. हम सब फिर से इन सभी चीजों पर काम करेंगे. हम सब हर युवा के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए काम करेंगे.

हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने शिक्षक भर्ती परीक्षा मामले में  ATRE (अपेक्स टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम ) को पात्रता परीक्षा नहीं माना था. डबल बेंच ने इस आदेश को रद्द करते हुए आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का सरकार पालन करें. कोर्ट ने 3 महीने के अंदर नई लिस्ट रिजर्वेशन का पालन करते हुए सरकार से देने को कहा है. वहीं ATRE परीक्षा को पात्रता परीक्षा माना है. बता दें, सामान्य सीट पर अगर आरक्षित वर्ग का मेरीटोरियस कैंडिडेट सामान्य वर्ग के बराबर अंक पाता है, तो  उसको सामान्य वर्ग में रखा जाएगा. बाकी की 27% और 21 % सीटों को OBC/SC से भरा जाएगा.  


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