होलिकोत्सव शोभायात्रा का गोरक्षपीठ का विशेष नाता है. 25 साल से मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ गोरक्षपीठ की ओर से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं. राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की अगुआई में होली के दिन निकलने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में बतौर मुख्‍य अतिथि सम्मिलित होंगे. हालांकि दो वर्ष से कोविड और सुरक्षा कारणों से वे इस परम्परा का निर्वहन नहीं कर सके.


भक्‍त प्रहलाद की शोभायात्रा को करेंगे रवाना


इस बार होली के ठीक पहले बीजेपी की लगातार दूसरी बार प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने से इसका रंग और चटक हो जाएगा. सीएम योगी आदित्‍यनाथ 17 मार्च को तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आएंगे. 17 की शाम को वे श्रीश्री हो‍लिका दहन उत्‍सव समिति की ओर से निकलने वाली भक्‍त प्रहलाद की शोभायात्रा को झंडी देकर रवाना करेंगे. इसके पहले उनका हियुवा की ओर से सम्‍मान और उद्बोधन भी होता है.


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राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह एवं होलिकोत्‍सव शोभायात्रा समिति गीतानगर मंडल के संरक्षक आत्‍मा सिंह ने बताया कि होली के दिन 19 मार्च को राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की ओर से भगवान नृसिंह की छह किलोमीटर लंबी शोभा यात्रा निकाली जाएगी. 


संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने इसका शुभारम्‍भ किया था. 78 बरसों से साल 1944 से ये शोभा यात्रा निकली जा रही है. सुबह 8.30 बजे शाखा के बाद शोभायात्रा का शुभारम्‍भ होता है. 25 बरसों से मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ बतौर मुख्‍य अतिथि इस शोभायात्रा में सम्‍मिलित होकर परम्‍परा का निर्वहन कर रहे हैं. वे रथ पर सवार होकर रंग, अबीर और गुलाल खेलते हुए शोभायात्रा के आगे चलते हैं. हजारों की संख्‍या में लोग इस शोभायात्रा में शामिल होते हैं. 


इन इलाकों से होकर गुजरेगी शोभयात्रा


आत्‍मा सिंह ने बताया कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की गीतानगर मंडल गोरखपुर की ओर से भगवान नृसिंह की शोभयात्रा सुबह 8.30 बजे घंटाघर से निकलकर मदरसा चौक, लालडिग्‍गी, मिर्जापुर, घासीकटरा, जाफराबाजार, बेनीगंज, ईदगाह रोड, चरणनलाल चौक, आर्यनगर, बक्‍शीपुर, नखास चौक, रेती चौक, घंटाघर पर आकर सम्‍पन्‍न होगी. पांच घंटे तक निकलने वाली इस भव्‍य शोभायात्रा के पूर्व इसके पूर्व मुख्‍य अतिथ‍ि सीएम योगी आदित्‍यनाथ की मौजूदगी में ध्‍वज और उसके पश्‍चात प्रार्थना और उद्बोधन होगा. इसके बाद फूलों की होली खेली जाएगी. गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन की भभूत और अबीर-गुलाल से रंगउत्‍सव का शुभारम्‍भ करेंगे. उन्‍होंने बताया कि बरसों से गोरक्षपीठ का इससे गहरा नाता है.


हियुवा के प्रदेश महामंत्री और श्रीश्री होलिका दहन उत्‍सव समिति के पदाधिकारी इं. पीके मल्‍ल ने बताया कि 17 मार्च को शाम 5 बजे सीएम योगी आदित्‍यनाथ श्रीश्री होलिकादहन उत्सव समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे. उन्‍होंने बताया कि वे लोग मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को निमंत्रण देने के लिए लखनऊ गए थे. इस बार दूसरी बार पूर्ण बहुमत से भाजपा की सरकार बनने से होली के उत्‍सव का रंग दोगुना हो गया है. उन्‍होंने आश्‍वासन दिया है कि वे होलिका दहन के कार्यक्रम के साथ होली के उत्‍सव में भी सम्मिलित होंगे. इसके साथ ही होली के दिन वे राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की ओर से आयोजित भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में भी सम्मिलित होंगे.


1925 से होलिका दहन का हो रहा आयोजन 


हियुवा के महानगर महामंत्री और श्रीश्री होलिका दहन उत्‍सव समिति के संयोजक आशीष गुप्‍ता ने बताया कि समिति की ओर से 1925 से होलिका दहन का आयोजन किया जा रहा है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी 25 साल से इसमें शामिल हो रहे हैं. इस बार 95वां वर्ष समिति की ओर से मनाया जा रहा है. यहां पर उद्बोधन के बाद सीएम योगी आदित्‍यना‍थ भक्‍त प्रहलाद की शोभायात्रा को झंडी देकर रवाना करेंगे. ये शोभयात्रा पाण्‍डेयहाता से शुरू होकर घंटाघर, मदरसा चौक, लालडिग्‍गी, मिर्जापुर, घासीकटरा, जाफराबाजार, बेनीगंज, ईदगाह रोड, चरणनलाल चौक, आर्यनगर, बक्‍शीपुर, नखास चौक, रेती चौक, घंटाघर होते हुए नार्मल चौक के बाद पाण्‍डेयहाता पर सम्‍पन्‍न होगी. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से वे लखनऊ से तुरंत ही अनुमति लेकर लौटे हैं.


गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिकादहन या सम्मत की राख से तिलक लगाने के साथ होती है. इस परंपरा में एक विशेष संदेश निहित होता है. होलिका दहन हमें भक्त प्रह्लाद और भगवान श्रीविष्णु के अवतार भगवान नृसिंह के पौराणिक आख्यान से भक्ति की शक्ति का अहसास कराती है. होलिका दहन की राख से तिलक लगाने के पीछे का मन्तव्य है. भक्ति की शक्ति को सामाजिकता से जोड़ना. इस परिप्रेक्ष्य में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कथन सतत प्रासंगिक है, "भक्ति जब भी अपने विकास की उच्च अवस्था में होगी तो किसी भी प्रकार का भेदभाव, छुआछूत और अस्पृश्यता वहां छू भी नहीं पायेगी."


गोरखपुर में भगवान नृसिंह रंगोत्सव शोभायात्रा की शुरुआत अपने गोरखपुर प्रवासकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में की थी. गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन की राख से होली मनाने की परंपरा इसके काफी पहले से जारी थी. नानाजी का यह अभियान होली के अवसर पर फूहड़ता दूर करने के लिए था. इस शोभायात्रा का गोरक्षपीठ से भी गहरा नाता जुड़ गया. ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ भी इसमें शामिल होते और उनके बाद महंत अवेद्यनाथ की होली का यह अभिन्न अंग बना.


पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का विशिष्ट पर्व 


1996 से योगी आदित्यनाथ ने इसे अपनी अगुवाई में न केवल गोरखपुर बल्कि समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामाजिक समरसता का विशिष्ट पर्व बना दिया. अब इसकी ख्याति मथुरा-वृंदावन की होली सरीखी है और लोगों को इंतजार रहता है. योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाले भगवान नृसिंह शोभायात्रा का. छह किलोमीटर लंबी शोभायात्रा में पथ नियोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता करते हैं और भगवान नृसिंह के रथ पर सवार होकर गोरक्षपीठाधीश्वर रंगों में सराबोर हो बिना भेदभाव सबसे शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं.


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