कानपुर: कोरोना की रोकथाम में कानपुर पुलिस ने अहम भूमिका निभाने का काम किया है. अब कानपुर कमिश्नरी की देश भर में सराहना हो रही है. पुलिस लाइन में कोविड अस्पताल और घर में हुई मॉनिटरिंग की योजना को दूसरे राज्यों की पुलिस ने भी अपनाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी जमकर तारीफ की है.
पुलिस लाइन में 16 बेड का अस्पताल खोला गया
कोरोना की दूसरी लहर ने जब लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू किया तो किसी को कुछ समझ ही नहीं आया. कोरोना जानलेवा बन गया और जब तक लोग समझते तब तक बहुत सारे लोग अपने जीवन से हाथ धो चुके थे. ऐसे में अस्पतालों बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिली. शासन प्रशासन इस कमी को दूर करने के प्रयास में लगा था, ऐसे में कानपुर पुलिस आयुक्त ने निर्देशित करते हुए पुलिस लाइन में 16 बेड का एल 1 स्तर का अस्पताल खोल दिया.
अफसरों के हुनर को आगे बढ़ाया
दूसरी लहर में कोरोना के मामलों को देखते हुए पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने दो काबिल अफसरों के हुनर को आगे बढ़ाया. अपर पुलिस आयुक्त डॉ मनोज कुमार और एडिशनल डीसीपी डॉक्टर अनिल कुमार दोनों ही एमबीबीएस डिग्री होल्डर थे. दोनों ने पुलिस लाइन के अस्पताल को कोविड एल 1 अस्पताल में तब्दील कर दिया.
लोगों को मिली सुविधा
एक समय जब अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तरों की कमी थी, पुलिस लाइन का ये अस्पताल कई लोगों के लिए बड़ी राहत बन गया. गंभीर मरीज यहां से ठीक हो कर गए. घरों में क्वारंटाइन पुलिसकर्मी और उनके परिजनों को इलाज देने के साथ मॉनिटरिंग भी की गई. इसके साथ ही समय-समय पर काउंसलिंग भी कराई गई. पुलिस ने आम लोगों को ऑक्सिजन सिलेंडर भी उपलब्ध कराए.
सीएम योगी ने की तारीफ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर में जब कोरोना की समीक्षा के लिए पहुंचे तो सबसे पहले पुलिस लाइन के इस अस्पताल का मुआयना किया और जमकर पुलिस अफसरों की पीठ थपथपाई. यही नहीं मुख्यमंत्री ने चार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर इस अस्पताल को भी दिए ताकि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए अस्पताल पूरी तरह तैयार हो जाए.
अस्पताल को अपग्रेड किया जा रहा है
पुलिस आयुक्त असीम अरुण की मानें तो आने वाली तीसरी लहर के लिए भी इस अस्पताल को अपग्रेड किया जा रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर यहां बच्चों का भी इलाज हो सके. इसके अलावा तीसरी लहर में टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीज को घर पर ही उपचार और जांच की सुविधा देने की योजना भी है. इस योजना से अब तक 25 डॉक्टरों की टीम जुड़ चुकी है और तीसरी लहर आते-आते करीब 100 डॉक्टरों की टीम लोगों की मदद को तैयार भी हो जाएगी.
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