लखनऊ: दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक सहायता कार्यक्रम में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना महामारी ने दुनिया को प्रभावित किया. मीडिया भी इससे अछूता नहीं रहा. उन्होंने कहा कि, हम सबके लिए यह एक ऐसा क्षण है, जब मीडिया जगत से जुड़े कई महानुभाव समाज के लिए अपनी लेखनी चलाते हुए जान दी, इसके लिए हम सभी शोक संतप्त परिजनों को दो शब्द कह सके इसलिए ये कार्यक्रम आयोजित किया गया.


मीडिया के माध्यम से ही हमें जानकारी मिलती है


हम सब जानते हैं कि पिछले 15-16 महीनों से हम सदी की बड़ी महामारी से जूझ रहे हैं, जिसमे दुनिया की बड़ी बड़ी ताकतें प्रभावित हुईं, लेकिन मीडिया से जुड़ा तबका भी इसे अछूता नही रहा. प्रारंभ में लॉकडाउन की प्रक्रिया में कामगारों को उनके घर तक पहुंचाना, या फिर कोटा से छात्रों को उनके घर तक पहुंचाने का कार्य हो ये सभी हमको मीडिया के ही माध्यम से जानकारी मिलती थी. इस तरह हमने जब पहली लहर को नियंत्रित किया. इसी दौरान वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी को शुरू किया गया. हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वॉरियर्स के लिए हो ही रहा था, साथ में मीडिया को भी इसका लाभ मिलना आवश्यक था. लोकतंत्र के सजग प्रहरी के रूप में मीडिया बंधुओं के पास कोई सुरक्षा का उपकरण होना कोई जरूरी नहीं था, इसलिए रजत शर्मा जी के बात करने के क्रम में हमने लखनऊ और नोएडा के बूथों पर वैक्सीनेशन का कार्य शुरू हुआ.


प्रधानमंत्री जी ने मुझसे पूछा था कि, वैक्सीन की वेस्टेज की क्षमता के बारे में, उन्होंने ही बताया कि कोविशील्ड की एक वॉयल में 11 लोगों को लगाने की क्षमता होती है, मेरे द्वारा इसका सदुपयोग भी मीडिया के सूचना भवन में होना देखा गया कि, वहां वेस्टेज को पूरी तरह रोकते हुए 11 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया.


तथ्यों की सही जानकारी मीडिया से ही मिली


आप लोगों ने संकट के समय में तथ्यों के रूप में सही समाचार रखने का कार्य किया, जिसके आधार पर हमको उस पर कार्य करने की रणनीति बनाने का अवसर मिला, और सफलतापूर्वक कार्य हुआ. संकट के समय समयबद्ध तरीके से सुनियोजित तरीके से कार्य करने में सहायता मिली.


आज वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, और जिस गति से वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है,उससे हम कह सकते हैं कि जल्द जल्द लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे. कोरोना केस पहले कानपुर में इटली के व्यापारी से मिला, फिर अगले दिन नोएडा में मिला, उस समय हमारे पास टेस्ट करने का कोई लैब भी नहीं थी, लेकिन भारत सरकार के सहयोग से आज हम 4 लाख टेस्ट प्रतिदिन कर सकते हैं, आज हम देश में टैस्टिंग में नम्बर वन हैं. वेंटिलेटर की भी यही स्थिति थी, आज हमारे पास सभी 75 जनपदों में वेंटिलेटर बेड्स मौजूद हैं.


जीवन बचाना लक्ष्य


आपने देखा होगा कि, गाज़ियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, सहारनपुर जैसे दिल्ली से सटे जिलों में दिल्ली के मरीजों का इलाज होता था, हमने इसपर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया, जीवन बचाना पहला लक्ष्य था.


हमने देखा कई सम्पादक,पत्रकार, मीडिया जगत के बंधू इसकी चपेट में आये, जो दिवंगत हुए उनकी पूर्ति हम नहीं कर सकते लेकिन एक संबल की जरूरत होती है. इसलिए सरकार ने समय समय पर अलग अलग घोषणाएं की ,इसी आधार पर हमने बाल सेवा योजना लागू की, हर निराश्रितों के लिए सरकार खड़ी हुई, इसी तरह आज पत्रकारों के साथ भी हम हमारी सरकार खड़े हुए.


मीडिया के सुझावों पर हम विचार करते हैं


मीडिया अपने अनुसार कार्य करती रही है, उनके सुझावों को लगातार हम विचार करते रहे हैं, और उन सुझावों से समस्याओं का रास्ता निकालने में सहायता मिलती रही है, इससे समाज के अंतिम व्यक्ति को लाभ मिलने में सहायक होता है,जो बहुत तन्मयता से ये देखता है कि क्या कोई मेरे लिए भी सोचता है.


हमने सब के लिए कार्य किये राज्यकर्मियों के लिए और भी सबके लिए ,लेकिन मीडिया के लिए कुछ करने के लिए हमने रजत जी से बात की. हमने बिना किसी दुराग्रह के बिना किसी भेदभाव के इस के लिए कार्य करने के लिए रजत जी के सहयोग के लिए आभार प्रकट करते हैं, आज के इस अवसर पर आप सबका आभार,और अभी बहुत सारी स्कीमें आने वाली हैं, आज इस अवसर पर आप सभी का धन्यवाद देता हूँ.


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