Ban on PFI: केन्द्र सरकार ने देशभर में पीएफआई (PFI Ban) के आतंकी गतिविधियों में लगातार सक्रियता के सबूत मिलने के बाद संगठन को बैन कर दिया है. केंद्र सरकार ने पीएफआई को पांच सालों के लिए बैन किया है. केंद्र सरकार के इस फैसले पर अब प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया. पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) का बयान आया. उसके बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने भी प्रतिक्रिया दी है. 


सीएम योगी ने ट्वीट कर लिखा, "राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय और स्वागत योग्य है. यह 'नया भारत' है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं."



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डिप्टी सीएम की प्रतिक्रिया
वहीं इस एक्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, "PFI की असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां लगातार जारी थी. विभिन्न जांच एजेंसियां जांच कर रही थी. जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय ने जो निर्णय लिया है, उसकी पूरे देश ने सराहना की है."



जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध का स्वागत करता हूं,राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का पर्याय और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका था पीएफआई,राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाला है यह फैसला."



केंद्र सरकार ने पीएफआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल वीमेन फ्रंट, एंपावर फाउंडेशन पर भी पाबंदी लगाई गई है. पीएफआई पर बीते कुछ दिनों से एनआईए और ईडी की कार्रवाई यूपी समेत कई राज्यों में लगातार जारी है. इस दौरान मंगलवार तक 237 गिरफ्तारी हो चुकी है.


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