हिंदी सम्मान समारोह में बोले सीएम योगी, साहित्य को बांटने की कोशिश कर रहे हैं कुछ लेखक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदी सम्मान समारोह में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने हिंदी भाषा को लेकर अपने विचार भी रखे।
लखनऊ, एबीपी गंगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस पर आयोजित पुरस्कार वितरण और सम्मान समारोह में शिरकत की। इस दौरान सीएम ने कहा कि साहित्यकारों की साहित्य साधना अमूल्य है। साहित्य समाज की दिशा तय करता है।
उन्होंने कहा कि आज साहित्यकारों के लिये चुनौतीपूर्ण समय है। अटल जी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हिंदी को नई ऊंचाइयां दीं तो आज पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी का खुलकर इस्तेमाल करते हैं। साहित्य ही समाज का दर्पण है, ये दर्पण इतना ही साफ हो कि समाज का मार्गदर्शक बन उसे नई दिशा दे। सीएम योगी ने आगे कहा कि अपनी लेखनी को खेमे, क्षेत्रीयता, जातीय बंधन में न बंटने दें। आप जैसे साहित्यकारों के लिए चुनौती है क्योंकि बीच में कुछ लोग घुसकर साहित्य की खेमेबाजी का प्रयास करते हैं। आज मेधावियों को सम्मानित कर हम अपनी भावी पीढ़ी को भी इस दिशा में जाने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।
CM Yogi Adityanath at 43rd Hindi Samman Samaroh in Lucknow: Some writers try to divide our literature into different camps, they attempt to mislead our youth. It is the responsibility of all writers to ensure that such a situation does not arise pic.twitter.com/1BZrgGQB4p
— ANI UP (@ANINewsUP) December 30, 2019
बतादें कि इस समारोह में मॉरीशस और श्रीलंका से आये हिंदी के क्षेत्र में काम करने वालों का भी सम्मान हुआ। इस मौके पर पटना की डॉ. उषा किरण खान को भारत भारती सम्मान, पटियाला के डॉ. मनमोहन सहगल को लोहिया साहित्य सम्मान, भागलपुर के डॉ. श्रीभगवान सिंह को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, लखनऊ के डॉ. ओपी पाण्डेय को प. दीनदयाल उपाध्याय सम्मान, दिल्ली की डॉ. कमल कुमार को अवंतीबाई साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। यूपी बोर्ड 2018 की हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने वाले 5 मेधावियों को भी सम्मानित किया गया।