लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 6 वर्षो में काशी ने विकास की एक नई यात्रा शुरू की है. इसका लाभ आस-पास के जनपदों को भी मिल रहा है. "प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम काशी की धर्म, संस्कृति और कला को संरक्षित करने के साथ-साथ इसे आधुनिक और पुरातन के संगम का स्वरूप देते हुए विकास के मॉडल के रूप में प्रस्तुत करेंगे." मुख्यमंत्री सोमवार को वाराणसी मंडल (जनपद वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर) के विकास कार्यो की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समग्र काशी क्षेत्र को केंद्र में रखते हुए पर्यटन विकास की योजना तैयार की जाए.


समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने गाजीपुर में 55, जौनपुर में 11 चंदौली में 8 और वाराणसी में 7 निर्माण परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत पर जारी एसआईटी जांच के कारण काम प्रभावित होने की स्थिति पर जांच प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार हुआ है तो उसकी वसूली सुनिश्चित की जाए, लेकिन किसी के भ्रष्टाचार का असर विकास कार्यो की गति पर नहीं पड़ना चाहिए। काशी को विकास का मॉडल बनाएंगे।


योगी ने कहा कि जनपद चंदौली में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए निर्माणाधीन 8 आरओबी के निर्माण की राह के अवरोधों को दूर करने के लिए जिलाधिकारी को निर्देशित किया. जिलाधिकारी ने बताया कि 2 आरओबी के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है, शेष के लिए भी स्थानीय लोगों से संवाद, समन्वय किया जा रहा है.


परियोजना बनाते वक्त ही हो समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यो की परियोजना बनाते समय ही उसके उपयोगी और टिकाऊ होने की समीक्षा हर स्तर पर कर लें. कार्यदायी संस्था की क्षमता की परख कर लें और किसी भी दशा में बजट रिवीजन की जरूरत न आए। इसमें खर्च होने वाला पैसा जनता का है. उन्होंने कहा कहा कि वाराणसी स्मार्ट सिटी तथा वाराणसी सहित अन्य जनपदों में अमृत योजना के सभी कार्यो को मानक के अनुरूप निर्धारित समय-सीमा में क्रियान्वित करने के निर्देश दिए.


पारदर्शी ढंग से हो काम 
योगी ने कहा कि स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के प्रस्ताव त्वरित और पारदर्शी ढंग से स्वीकृत किए जाएं. मंडल में अमृत योजना के कार्यो को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यो की प्रगति का भौतिक सत्यापन करते हुए समय से यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट निर्गत किए जाएं. ग्राम सचिवालय के लिए भूमि का शीघ्रता से चुनाव किया जाए. जिलाधिकारी भूमि का चिन्हांकन एवं प्रशासनिक स्वीकृति उपलब्ध कराकर ग्राम सचिवालय का शिलान्यास करवाएं.


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