UP Politics: सीएम योगी बोले- 'तीन माह में 18 ‘सेफ सिटी’ वाला देश का पहला राज्य होगा यूपी'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पहले चरण में राज्य के सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddh Nagar) को 'सेफ सिटी' के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए.
UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य के सभी 17 नगर निगमों और नोएडा (Noida) को ‘सेफ सिटी’ (Safe City) के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने मंगलवार को कहा कि अगले तीन महीनों के अंदर उत्तर प्रदेश 18 सेफ सिटी वाला देश का पहला राज्य होगा.
मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर प्रदेश में ‘सेफ सिटी’ परियोजना के विस्तार की कार्ययोजना का जायजा लिया. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि आदित्यनाथ ने पहले चरण में राज्य के सभी 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को 'सेफ सिटी' के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि अगले तीन माह के अंदर पहले चरण का काम पूरा कर लिया जाए.
मुख्य सचिव करें समीक्षा
सीएम योगी ने कहा कि पहले चरण के कार्य के दौरान संबंधित विभाग को दी गई जिम्मेदारी तय समय सीमा के अंदर पूरी की जाए और मुख्य सचिव इसकी पाक्षिक समीक्षा करें. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस परियोजना के दूसरे चरण में 57 जनपद मुख्यालयों की नगर पालिकाओं और तीसरे चरण में 143 नगर पालिकाओं को ‘सेफ सिटी’ परियोजना से जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि ऐसे सभी नगरों के प्रवेश द्वार पर सेफ सिटी का बोर्ड लगाकर इसकी ‘विशिष्ट ब्रांडिंग’ भी की जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेफ सिटी परियोजना महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्रित है. इसे विस्तार देते हुए बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजनों की सुरक्षा से भी जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से प्रदेश में लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आधुनिक नियंत्रण कक्ष, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला पुलिस थानों में परामर्शदाताओं के लिए सहायता डेस्क, बसों में ‘पैनिक बटन’ और अन्य सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे.
इस परियोजना के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों व दिव्यांगजनों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सशक्त वातावरण बनाने की मुहिम को आवश्यक तेजी मिलेगी. सीएम योगी ने कहा कि सेफ सिटी पोर्टल को भी विकसित किया जाए. इससे ऐसे सभी विभागों को जोड़ा जाए, जिनके द्वारा महिला, बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के हित में कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं.