गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होना, साबित करता है कि मंदिर आंदोलन सकारात्मक था और नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों ने ही इस मुहिम को बदनाम किया.


योगी ने यहां 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनने वाली 37 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद लोगों से कहा, "पिछली सरकारें हर एक विवाद को लटकाना चाहती थीं. जो लोग कहते थे कि राम तो काल्पनिक हैं, अब वो कहने लगे हैं कि राम तो सबके हैं.... यह है परिवर्तन."


योगी का विपक्ष पर निशाना
योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "जो राम भक्तों पर गोली चलाते थे और कहते थे कि राम का तो अस्तित्व है ही नहीं, आज उनको भी राम भक्तों की ताकत का एहसास हो गया है. अब वे कह रहे हैं कि राम तो सबके हैं. कारसेवा के समय हम यही तो कहते थे कि राम तो सबके हैं, इसलिये राम जन्मभूमि के आंदोलन का विरोध ना करे. राम भक्तों ने जो सेवा की, वे विजयी हुए."


मुख्यमंत्री ने कहा, "पांच अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी जी के हाथों होना, इस बात को साबित करता है कि राम जन्मभूमि के लिये चलाया गया आंदोलन एक सकारात्मक आंदोलन था और वह कहीं भी नकारात्मक नहीं था. उस आंदोलन का विरोध करने वाले लोग नकारात्मक सोचते थे और इसलिये उसे बदनाम करते थे. जब वे हरेक क्षेत्र में नाकाम हो चुके हैं तो कह रहे हैं कि राम तो सबके हैं। भगवान करे यह सद्बुद्धि हमेशा बनी रहे."


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