UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा जुबानी हमला किया. सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का अपमान किया और वह कभी नहीं चाहती थी कि आंबेडकर संसद में जाएं. हालांकि उन्होंने शुरूआत में तमाम विपक्षों को घेरने की कोशिश जरूर की लेकिन बीएसपी पर सीधे जुबानी हमला करने से बचते हुए नजर आए.


दरअसल, राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आंबेडकर के खिलाफ की गयी कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन के साथ ही मंगलवार को बीएसपी ने भी विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर एक प्रेस वार्ता की. सीएम ने कहा कि आंबेडकर ने देश में दलितों और वंचितों के लिए आशा की एक किरण जगाई.


क्या बोले सीएम योगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन नहीं जानता है कि 1952 के पहले आम चुनाव में बाबा साहब को मुंबई नॉर्थ से और फिर 1954 में उपचुनाव हराने का कार्य भी कांग्रेस ने ही किया था. पडित नेहरू बाबा साहब के विरोध में प्रचार करने गये थे. मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि आंबेडकर संसद में जाएं. यह सबको पता है कि पंडित नेहरू नहीं चाहते थे कि बाबा साहब संविधान सभा का हिस्सा बनें.’


उन्होंने दावा किया, 'कांग्रेस नहीं चाहती थी कि बाबा साहब को संविधान सभा की मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया जाए. लेकिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हस्तक्षेप से यह संभव हो पाया.' उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपनी इस मंशा का परिचय बाबा साहब के प्रति तब भी दिया जब एनडीए की सरकार थी. 


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क्या किया दावा
सीएम योगी ने दावा किया कि एक ओर भाजपा उन मूल्यों और उन आदर्शों के प्रति समर्पित होकर कार्य कर रही है, दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसका इतिहास देश के अंदर भारत के दलितों, वंचितों का अपमान करना, जिसका इतिहास तुष्टिकरण के आधार पर दलितों व वंचितों को उनके अधिकारों से पूरी तरह रोकने की एक कुत्सित चेष्टा का एक हिस्सा रहा है. 


हालांकि अपने पूरे बयान और प्रेस वार्ता के दौरान सीएम योगी ने एक बार भी बीएसपी पर जुबानी हमला नहीं बोला. हर बार वह सीधे तौर पर कांग्रेस पर जुबानी हमला करते नजर आए. कई मौकों पर उन्होंने समाजवादी पार्टी को भी निशाना बनाया लेकिन बीएसपी पर को लिए उनकी खामोशी फिर सियासी पंडितों में चर्चा का केंद्र बन गई.