CM Yogi Adityanath Gorakhpur Visit: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश और समाज की एकजुटता के लिए जातीय भेदभाव को खत्म करने का आह्वान किया है. गोरखपुर में उन्होंने शनिवार को महाराणा प्रताप के त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने पर जोर दिया. मुख्यमंत्री शनिवार शाम तारामंडल रोड स्थित क्षत्रिय भवन, प्रताप सभागार में महाराणा प्रताप की अश्वारोही प्रतिमा का अनावरण करने गए थे. कार्यक्रम के बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित किया. मुख्यमंत्री योगी ने देश और समाज के लिए जातीय भेदभाव, छुआछूत एवं अस्पृश्यता को महापाप बताया. उन्होंने कहा कि जातीय भेदभाव, छुआछूत और अस्पृश्यता की वजह से स्वदेश एवं स्वधर्म पर संकट आया, देश गुलाम हुआ, धर्मस्थल नष्ट हुए.
'देश और समाज की एकजुटता के लिए जातीय भेदभाव करें खत्म'
मुख्यमंत्री ने कहा, ''स्वदेश एवं स्वधर्म की रक्षा के लिए आज राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप के त्याग एवं बलिदान से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है. देश एवं समाज की एकजुटता के लिए जातीय भेदभाव, अस्पृश्यता को तिलांजलि देना हम सबका दायित्व होना चाहिए.'' आधिकारिक बयान के अनुसार प्रताप सभागार फाउंडेशन ट्रस्ट एवं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय संगठनों को जाति विशेष का संगठन बनने की बजाय सामाजिक संगठन बनकर समाज एवं देश को एकजुट करने के लिए समाज की कुरीतियों, विकृतियों को दूर करने का बीड़ा उठाना होगा.
'महाराणा प्रताप के त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेने की जरूरत'
उन्होंने कहा कि इस काम के लिए महाराणा प्रताप आदर्श रूप में हैं. उन्होंने भील, मीणा, थारू जनजातियों को साथ जोड़कर स्वदेश व स्वधर्म के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. योगी आदित्यनाथ ने कहा ,''देश व धर्म के लिए महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी,गुरु गोविंद सिंह एवं ऐसे ही अनगिनत नायकों के बलिदान की प्रेरणा से नई पीढ़ी को दीक्षित करने की जरूरत है. राष्ट्र नायकों की प्रेरणा से समाज को एकजुट किया जा सकता है.'' उन्होंने कहा , ''महाराणा प्रताप का त्याग एवं बलिदान राज्य, जाति या परिवार के लिए नहीं, बल्कि देश और धर्म के लिए था. संधि के लिए अकबर की तरफ से भेजे गए राजा के साथ उन्होंने इसीलिए भोजन करने से मना कर दिया कि उन्हें देश के प्रति स्वाभिमान से समझौता करना गंवारा नहीं था.
स्वदेश एवं स्वधर्म की लड़ाई में उन्होंने तमाम दुर्ग एवं किले वापस जीतकर सनातन धर्म और भारत का स्वाभिमान बढ़ाया.'' मुख्यमंत्री ने कहा, ''जब समाज बिखरा हुआ होता है तो सोमनाथ मंदिर टूटता है, अयोध्या में राम मंदिर अपवित्र होता है और जब समाज एकजुट होता है तो अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण का रास्ता तैयार होता है.'' योगी ने कहा कि महाराणा प्रताप के त्याग और बलिदान को नमन करने के लिए हर भारतवासी हल्दीघाटी व मेवाड़ को नमन करता है.