Gorakhpur News: गोरखपुर (Gorakhpur) के सैनिक स्कूल में अगले सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी. सत्र प्रारंभ होने से पहले निर्माण कार्य पूर्ण हो, इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शनिवार दोपहर बाद गोरखपुर के निर्माणाधीन सैनिक स्कूल का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने निर्माण की स्थलीय प्रगति जानने के साथ इसके मैप को भी देखा और जरूर दिशा-निर्देश दिए.


सीएम योगी ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए तय समय सीमा में पूर्ण हो जाना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.


मार्च 2023 तक काम पूरा होने का लक्ष्य


खाद कारखाना परिसर में बन रहे सैनिक स्कूल का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह स्कूल गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश का गौरव बनेगा. किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है. इस स्कूल में दाखिले के साथ छात्रों को राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ते हुए देश सेवा का अवसर मिलने लगे, इसके लिए हमारी हर हाल में कोशिश होनी चाहिए कि अगले शैक्षिक सत्र से यहां पढ़ाई शुरू हो जाए. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निर्माण कार्य को मार्च 2023 तक अवश्य पूरा करना है.


सीएम योगी ने सैनिक स्कूल के एकेडमिक भवन, बालक और बालिका छात्रावास को शीघ्रता से पूर्ण करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि यहां का कैंपस भारतीयता की भावना से ओतप्रोत होना चाहिए. मुख्यमंत्री के निरीक्षण के दौरान कमिश्नर रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी विजय किरन आनंद समेत कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे.


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50 एकड़ में बन रहा है सैनिक स्कूल


गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 50 एकड़ भूमि पर बन रहा है. इस सैनिक स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था. ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी. छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस होगा. स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति और परंपरा का दर्शन कराने वाला होगा. यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे. साथ ही कैंपस के अलग-अलग स्थानों का नामकरण सेना के जाबांजों के नाम पर किया जाएगा. सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट और मैदान भी विकसित किए जाएंगे.


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