गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) शनिवार को दो दिवसीय प्रवास पर गोरखपुर पहुंचे. यहां पर उन्होंने बाढ़ प्रभावित चार क्षेत्रों का तूफानी दौरा किया और उन्होंने लोगों के बीच राहत सामग्री (Flood Relief Kit) बांटी. पीडि़तों के बीच पहुंचकर जहां उन्होंने लोगों की परेशानी को अपनी परेशानी समझा. तो वहीं भूखे और बेघर हुए लोगों को राशन और घर देने का भरोसा देकर हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया. उन्होंने ऐलान किया कि कोई भी बाढ़ पीडि़त भूखा नहीं सोएगा. न ही कोई बेघर रहेगा. उन्होंने कहा कि जिनका घर बाढ़ में क्षतिग्रस्त गया है, उन्हें 95 हजार रुपए और नदी की धार में जिनका घर चला गया है, उन्हें सरकार तत्काल मुख्यमंत्री आवास देगी.
राहत सामग्री बांटी
गोरखपुर के दो दिवसीय प्रवास पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर पहुंचे. यहां पर उन्होंने बाबा गोरखनाथ का पूजन-अर्चन किया. इसके बाद वे बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए हेलीकाप्टर से निकल गए. चौरीचौरा के झंगहा के आदर्श पब्लिक स्कूल, खजनी के उनवल, सहजनवां के मुरारी इंटर कालेज के बाद वे सदर के लालडिग्गी में बाढ़ राहत सामग्री और राशन किट बांटने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बाढ़ पीडि़त लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया. उन्होंने झंगहा, उनवल, सहजनवां और लालडिग्गी में लोगों को संबोधित करते हुए उन्हें किसी भी तरह की परेशानी से दो-चार होने पर मदद का भरोसा दिया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि, बाढ़ में किसी की जान जाने पर परिवार के लोगों को भी 4 लाख रुपए की मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार की भी यही मंशा है कि कोई न तो भूखा सोए और नहीं कोई बेघर होने पाए. हमारे जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग हर संभव मदद के लिए तत्पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में सरकार और प्रशासन पूरी संवेदनशीलता से युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य में लगा है. सीएम ने कहा कि प्रदेश के हरेक नागरिक का जीवन हमारे लिए अमूल्य है. हम आश्वस्त करते हैं कि आपदा के इस समय में सरकार पूरी तत्परता और प्रतिबद्धता से आपके साथ खड़ी है.
हरसंभव मदद का भरोसा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में भारी बारिश से पूर्वांचल के करीब 15 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. गोरखपुर में करीब 304 गांवों की 2.26 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. यहां 405 नाव और 50 स्टीमर लगाए गए हैं. बाढ़ चौकियों और कंट्रोल रूम के जरिए बाढ़ पर नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राप्ती खतरे के निशान से ढाई से तीन मीटर ऊपर बह रही. पिछले 50 सालों में नदियों का जलस्तर बढ़ने की इतनी खतरनाक स्थिति कभी नहीं हुई. उन्होंने कहा कि हमनें 1991 और 1998 की स्थिति को भी देखा है. सीएम ने कहा कि बचाव के लिए समय पूर्व किए गए प्रभावी इंतजामों से जन और धन हानि को रोकने का पूरा प्रयास किया गया.
NDRF एलर्ट पर
सीएम ने कहा कि इसमें कामयाबी भी मिली है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व पीएसी की फ्लड यूनिट को पहले से ही सक्रिय कर दिया गया था. पर्याप्त संख्या में नावों की व्यवस्था के साथ राहत सामग्री का पर्याप्त इंतज़ाम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा है कि कोई भी खुद को असहाय न समझे और राज्य सरकार इसी दिशा में कार्य कर रही है. सीएम ने कहा कि हम पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं और अब बाढ़ से भी, लेकिन धैर्य के साथ इस संकट का मुकाबला करते हुए हम शीघ्र ही बाढ़ की स्थिति पर नियंत्रण प्राप्त कर लेंगे.
सीएम योगी ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न वितरण कराया जा रहा है. हर राशन सामग्री किट में 10-10 किलो चावल और आलू के अलॉस 2 किलो अरहर दाल, रिफाइंड तेल, नमक, हल्दी, मिर्च, मसाले के पैकेट, लाई, चना, गुड़, मोमबत्ती, दियासलाई आदि के साथ ही छाता व बरसाती भी दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन के भीतर सभी पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचा दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन घरों में बाढ़ और बारिश का पानी घुस गया है, उन परिवारों के भोजन के लिए कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था की जा रही है. सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि एक भी नागरिक भूखा न रहने पाए. पानी से घिरे लोगों को उनके दरवाजे पर ही भोजन पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है.
पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के पशुओं का भी सरकार को खयाल है. प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं को भूसे-चारे का संकट न हो, इसके लिए भी प्रशासन को निर्देशित किया गया है. हमें मनुष्यों के साथ उनके पशुओं को भी बचाना है. बाढ़ के समय सांप और अन्य जहरीले जंतुओं और कुत्तों के द्वारा काटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. ऐसे में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सीन और एंटी स्नेक वेनम उपलब्ध रहे. सीएम ने कहा कि जलजमाव के चलते हैजा, डायरिया जैसी बीमारियों की आशंका को देखते हुए ऐसे क्षेत्रों में ओआरएस के पैकेट बांटने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे लोगों को इन बीमारियों से होने वाले डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके. साथ ही पेयजल को शुद्ध रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को क्लोरीन टैबलेट बांटने को कहा गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी की मृत्यु अत्यंत दुखदाई होती है. फिर भी आपदा में किसी की मृत्यु होने पर संबंधित के परिवार को चार लाख रुपये तत्काल आर्थिक सहायता देने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है. सांप और अन्य हिंसक-जहरीले जानवर के हमले में मृत्य पर भी यह मदद दी जाएगी. बाढ़ के चलते किसी किसान और बटाईदार की मृत्यु पर उसे तत्काल मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये की बीमा से आच्छादित करने का निर्देश प्रशासन को दिया गया है. इसी तरह यदि किसी व्यक्ति के पालतू पशु (गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी आदि) की बाढ़ के चलते मृत्यु हो जाती है तो उसके लिए भी सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलेगी.
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