Cabinet Meeting in Ayodhya: अयोध्या के लिए 9 नवंबर का दिन ऐतिहासिक होगा. 11 नवंबर को दीपोत्सव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होगी. अयोध्या पहुंचने के बाद पूरी कैबिनेट सबसे पहले हनुमानगढ़ी में संकट मोचन का दर्शन करेगी. दर्शन पूजन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रियों के साथ राम जन्मभूमि मंदिर पहुंचेंगे. रामलला का आशीवार्द लेने के बाद निर्माणाधीन मंदिर देखने जाएंगे. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे. दर्शन पूजन के बाद योगी कैबिनेट की बैठक होगी. बैठक में दीपोत्सव समेत कई प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी. कैबिनेट की बैठक लेने के बाद मुख्यमंत्री योगी राम कथा पार्क में जाएंगे.
अयोध्या में 9 नवंबर को योगी कैबिनेट की बैठक
राम कथा पार्क में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी मुख्यमंत्री पत्रकारों को देंगे. प्रेस ब्रीफिंग के बाद पूरी कैबिनेट का भोजन होगा. भोजन का आयोजन उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के सरयू अतिथि गृह में रखा गया है. भोजन करने के बाद मुख्यमंत्री योगी अयोध्या से रवाना हो जाएंगे. कैबिनेट की बैठक के लिए राम कथा पार्क और राम कथा संग्रहालय को सजाया जा रहा है. मरम्मत के साथ रंग रोगन और सफाई व्यवस्था का काम युद्ध स्तर पर जारी है.
सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था रहेगी चाक चौबंद
कैबिनेट की बैठक को देखते हुए सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था भी चाक चौबंद करने के लिए बैठकें की जा रही हैं. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि राजनीतिक दलों के लोग फैजाबाद को छूकर निकल जाते थे. डर के मारे किसी की अयोध्या में एंट्री नहीं होती थी.अब पूरी कैबिनेट हनुमान और रामलला के चरण में है. उन्होंने उम्मीद जताई की कैबिनेट की बैठक के बाद अयोध्या का विकास तेज गति से होगा.
ज्योतिषाचार्य अयोध्या कल्कि महाराज ने बताया कि 21वीं सदी उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर है. 9 नवंबर 1979 को रामलला के सम्मान में पहला आधार रखा गया था. बाबरी मस्जिद राम मंदिर प्रकरण का फैसला भी 9 नवंबर 2019 को हुआ था. अब एक बार फिर 9 नवंबर को कैबिनेट की बैठक होने जा रही है.
अभी कुछ दिन पहले काशी में कैबनेट की बैठक हुई थी. किसी ने कल्पना नहीं की थी कि अयोध्या में कैबनेट की बैठक होगी. उन्होंने कहा कि सनातन विरोधियों के विनाश की कील का पहला पत्थर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाड़ने जा रहे हैं. अब भविष्य में सनातन विरोधियों के पनपने-फलने, फूलने का सपना संभव नहीं है. भारत पूरे विश्व में अयोध्या के माध्यम से नई रूप रेखा तयार कर रहा है. इसका लाभ दुनिया के कोने में रह रहे सभी सनातनियों को मिलेगा.