Gorakhpur Flood: यूपी में बाढ़ से हालात बेहद खराब हो गए हैं, जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का तूफानी दौरा कर रहे हैं. अपने दौरे के तीसरे चरण में सीएम योगी गोरखपुर (Gorakhpur) और बस्ती (Basti) मंडल के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे. सीएम दो दिवसीय दौरे के पहले दिन संत कबीर नगर (Sant Kabir Nagar) और सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे. इसके बाद वो गोरखपुर के बड़हलगंज पहुंचेंगे. इस दौरान वो बाढ़ ग्रस्त इलाकों में राहत सामग्री का भी वितरण करेंगे. गोरखपुर में राप्ती, रोहिन और सरयू नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे इस इलाके के 160 गांव और 52 हजार की आबादी बाढ़ प्रभावित है.
सीएम योगी करेंगे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा
सीएम योगी आदित्यनाथ गुरुवार दोपहर 3 बजे गोरखपुर के बड़हलगंज पहुंचेंगे. दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन वे बाढ़ग्रस्त सहजनवां, सदर और कैम्पियरगंज तहसील के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करेंगे. गोरखपुर में अक्टूबर महीने में हुई लगातार बारिश ने राप्ती, रोहिन और सरयू (घाघरा) नदियों को उफान पर ला दिया है. राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरे के निशान से 0.81 आरएल मीटर ऊपर बह रही है. रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरे के निशान 82.44 से 0.07 आरएल मीटर ऊपर बह रही है और सरयू अयोध्या पुल पर खतरे के निशान से 1.17 आरएल मीटर ऊपर बह रही है.
राहत सामग्री न मिलने से ग्रामीण परेशान
बाढ़ की वजह से यहां के मंझरिया, उत्तरी कोलिया और बैरबगवां गांव के रहने वाले ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लोग घरों की छतों और बंधों पर शरण लेने को मजबूर हैं. सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूब गई है. लोग राहत सामग्री और सुविधाएं नहीं मिल पाने से परेशान हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि शासन-प्रशासन, नेता-राजनेता, पार्षद-प्रधान कोई भी झांकने नहीं आया है. बच्चे भूखे बिलख रहे हैं. ग्रामीण परेशान है. राहत सामग्री और अन्य सुविधाएं देने की बात हवा-हवाई हैं. वे लोग बंधे पर मवेशियों को लेकर रह रहे हैं. उन्हें अभी तक मदद नहीं मिली है.
गोरखपुर की इन तहसीलों का हाल-बेहाल
गोरखपुर के गोला तहसील में बाढ़ से प्रभावित गांवों की संख्या 24 घंटे में ही दोगुनी हो गई है. बुधवार को 28 गांव की अपेक्षा सर्वाधिक 50 गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं. प्रभावित आबादी भी 19,753 से 28,113 पहुंच गई है. यहां पर 35 गांव मैरुंड हो गए हैं. वहीं राहत और बचाव कार्य के लिए 24 घंटे में नाव की संख्या 39 से 48 कर दी गई है. यहां पर 5,187.839 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है. सदर तहसील में 15 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. जिनमें 13 गांव मैरुंड हैं. यहां 57 नाव राहत और बचाव के लिए लगाई गई है. कैम्पियरगंज तहसील बाढ़ से सर्वाधिक 63 गांव प्रभावित है. इनमें 5 गांव मैरुंड हैं. यहां पर 14 नाव राहत और बचाव के लिए लगाई गई है.
खजनी तहसील में 18 प्रभावित गांव में 17 नाव लगाई गई है. यहां पर 6 गांव मैरुंड हैं. यहां पर 2355 की आबादी और 488.79 हेक्टेयर का क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में है. सहजनवां तहसील में 7 गांव बाढ़ से मैरुंड हैं. इनमें राहत और बचाव के लिए 10 नाव लगाई गई है. यहां पर 2805 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. बांसगांव में 4 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. तो वहीं राहत और बचाव के लिए 4 नाव लगाई गई है. 2564 की आबादी और 38.401 हेक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है. चौरीचौरा में 3 गांव बाढ़ से मैरुंड हो गए हैं. राहत और बचाव के लिए 5 नाव को लगाया गया है. 225 लोग और 6.825 हेक्टेयर क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में है.
दो-तीन दिन में पानी उतरने का अनुमान
गोरखपुर के एडीएम फाइनेंस और प्रभारी अधिकारी आपदा राजेश कुमार सिंह ने कहा कि बाढ़ की वजह से 160 गांव प्रभावित हैं. अनुमान है कि दो से तीन दिन में पानी उतरने लगेगा और एक सप्ताह में सभी गांव मैरुंड की स्थिति से बाहर आ जाएंगे. गोला तहसील में सर्वाधिक मैरुंड गांव है. क्योंकि वहां पर राप्ती और सरयू (घाघरा) का संगम होने की वजह से बड़हलगंज अधिक प्रभावित है. जनपद में अब तक 7,840 राशन किट और तिरपाल-जेरिकेन का वितरण कर दिया है. 15 हजार राशन किट पाइप लाइन में हैं. मेडिकल टीम के साथ पशु चिकित्सक गांव-गांव जा रहे हैं. पानी उतरने के साथ ही फसलों के नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा वितरित कराया जाएगा.
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