एबीपी गंगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीक को खुद पर हावी न होने दें।तकनीक जब आगे चलने लगेगी, तो हम उससे पीछे हो जाएंगे, हमें इस बात का ख्‍याल रखना होगा। उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि आजकल बच्‍चे स्‍मार्ट फोन का ज्‍यादा प्रयोग करते हैं। कैलकुलेटर का प्रयोग करते करते वे तकनीक के आदी हो जाते हैं। ऐसे में जब उनसे मामूली सवाल भी पूछे जाते हैं, तो वे जोड़-घटा नहीं कर पाते हैं। सीएम योगी आदित्‍यनाथ यहां सरस्‍वती विद्या मंदिर चिउटहां में ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ स्‍मृति सभागार के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।


सीएम योगी ने कहा कि आज शिवरात्रि का पावन पर्व है, ऐसे में इस संस्थान के उद्घाटन के बाद उन्हें पहली बार यहां आने का अवसर मिला। सीएम ने कहा कि शिवरात्रि के दिन किसी संस्था का कार्यक्रम एक संदेश देता है। उन्होंने कहा कि ज्ञानी वही बन सकता है, जिसके मन में श्रद्धा, विरासत, संस्कृति और सभ्यता हो। भारत के अंदर ये बात कूट-कूट कर भरी है। प्रत्येक भारतवासी को इस पर गर्व करना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने यहां सवाल उठाया कि जब कोई पर्व होता है तो हमारे संस्थान सूने क्यों रहते हैं ?. ये हमारा दायित्व है कि हम उस संस्थान को भी उस पर्व और त्योहार के साथ जोड़ें। सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया कि किसी महापुरुष की जयंती पर हम छुट्टी नहीं की जाएगी। इसके पीछे की वजह बताते हुए सीएम ने एक वाकये का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक बार वे किसी गांव में गए तो बच्चे खेल रहे थे। जब उन्होंने बच्चों से इस बारे में पूछा तो बच्चों ने कहा कि आज छुट्टी है, दूसरे बच्चने कहा कि आज रविवार है और जब छुट्टी होती है तो रविवार माना जाता है। सीएम ने बताया कि जबकि उस दिन गुरुवार था और 14 अप्रैल का वो दिन था। बैशाखी और बाबा साहब की जयंती समेत उस दिन तीन पर्व थे। सीएम ने आगे कहा कि तब उन्हें लगा कि विद्यालयों को पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने त्योहारों की भी जानकारी होनी चाहिए। इसके बाद योगी सरकार ने जयंती पर होने वाली छुट्टियों को बंद कर दिया।


विद्यालय को धन्यवाद दिया
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभागार का नाम अपने गुरुदेव के नाम पर रखे जाने पर विद्यालय परिवार का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि गुरुजी विधायक रहने के साथ-साथ 4 बार सांसद भी रहे। देश के कई बड़े आंदोलनों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाई। ये दुनिया बहुत विराट है, इसमें अपनी जगह बनाना एक चुनौती है।