गोरखपुर, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के दो दिवसीय प्रवास के दौरान सूर्यकुंड धाम के जीर्णोद्धार की 2.60 करोड़ समेत शहर की कुल 55.30 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें सांस्कृतिक गतिविधियों को तेज करना है। मुझे याद है 20-21 वर्ष पहले इस कुंड का पानी सूख गया था। उस समय बड़े महाराज ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथजी सांसद थे। हमें साफ-सफाई की भी व्यवस्था करनी होगी। वास्तव में विकास की इच्छा सभी की होती है लेकिन, उसके लिए एक सकारात्मक सोच की भी जरूरत पड़ती है। विकास का कार्यक्रम स्वीकृत कर देने मात्र से विकास नहीं हो जाता और विकास कार्यों के साथ एक-एक जन को जोड़ना पड़ेगा।
सीएम ने कहा कि शहर के विभिन्न मंदिरों के पुनर्रुद्धार का कार्यक्रम भी साथ साथ चल रहा है। मुंजेश्वर नाथ मंदिर और अन्य मंदिरों का भी पुनरुद्धार कार्यक्रम चल रहा है। इसके साथ ही रामगढ़ ताल में भी लोग बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। हमने बिजली के जर्जर तारों और पोल को भी बदलने की योजना बनाई है। लेकिन, एक साथ इसको फलीभूत नहीं किया जा सकता है। क्योंकि हमें बिजली आपूर्ति भी बाधित नहीं करनी है। धीरे-धीरे हम उसे अंडरग्राउंड केबल बिछाकर क्रियान्वित कर रहे हैं।
योगी ने कहा कि सूर्य कुंड धाम जर्जर अवस्था में हो गया था मुझे प्रसन्नता है कि संस्कार भारती के सहयोग से यहां पर कुछ कार्यक्रम आयोजन होना शुरू हुआ। सीएम योगी ने कहा कि सूरजकुंड अपने उद्धार का बरसों से जो इंतजार कर रहा था आज वह इंतजार समाप्त हो गया। अब बेहतर तरीके से पर्यटन की संभावनाएं यहां पर विकसित होंगी। यहां पर एक अच्छा सा स्थान उपलब्ध कराने की जरूरत है जहां पर पर्यटन के साथ लोग तो आए लेकिन मंचीय कार्यक्रम भी संपन्न हो सकें। जिससे गोरखपुर के कलाकारों और संगठनों को अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करने का अवसर मिल सके।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सूर्यकुंड धाम पर आकर यहां की जीर्णोद्धार की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने का अवसर प्राप्त कर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को वे कहेंगे कि कि वर्ष में एक बड़े आयोजन के लिए यहां पर स्थान उपलब्ध कराएं। जिससे दो से 5 हजार लोग एकत्र होकर उस बड़े आयोजन का आनंद ले सकें। इसके साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिले।
इसके अलावा इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी को पॉलीथिन और प्लास्टिक का प्रयोग भी बंद करना होगा, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। पर्यावरण और स्वयं के स्वास्थ्य के लिए जो चीज खतरनाक हो, उसे हमें प्रतिबंधित करने की ओर कदम उठाना होगा। प्लास्टिक के खिलाफ इसीलिए प्रदेश सरकार ने मुहिम शुरू की है, जिससे प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन किया गया है। प्लास्टिक से बने हुए प्लेट, कटोरी और गिलास सहित हर चीज को बैन कर हम पर्यावरण को स्वच्छ रख सकेंगे। इस मिशन का हिस्सा प्रदेश के हर नागरिक को बनना होगा।
योगी ने कहा कि जब पुराना गोरखपुर बसा तब यहां के लोगों की आवश्यकताएं कम थी। लोग साइकिल, पैदल और दोपहिया से चलते थे। लेकिन आज अधिकतर लोग कार से चल रहे हैं। उनकी जरूरतें बढ़ चुकी हैं। लेकिन सड़कें वहीं हैं। हमें सड़कों को चौड़ा करने के साथ जर्जर पोल और तार को हटाने के कार्य कर रहे हैं। अभी भी सड़कें हम 10 से 12 फीट तक चौड़ी कर सकते हैं। इसके लिए लोगों के सहयोग की अपेक्षा है। इससे आप सभी को फायदा होगा।
सीएम ने कहा कि प्रदेश के हर जनपद में विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाए जा रहा है। हमें इसमें आम जनता के सकारात्मक सहयोग से काफी मदद मिल रही है। इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी के साथ आने बीमारियों के लिए हमें केवल बीआरडी मेडिकल कालेज का ही सहारा था। लेकिन आज एम्स अस्पताल भी खुल गया है, जहां कई अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। गोरखपुर विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। वर्षों से गोरखपुरवासियों को बिजली की बड़ी समस्या थी। हमने पूरे प्रदेश में बिजली की समस्या को दूर करने का प्रयास किया है। हर जिला मुख्यालय को 24 घंटे, तहसील को भी 20 घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की है।
उन्होंने कहा कि सड़कें चौड़ी हो रही हैं। गोरखपुर-वाराणसी मार्ग बहुत खराब स्थिति में है। उसका भी काम चल रहा है। एम्स में डाक्टरों की नियुक्ति हो चुकी है। अगले वर्ष और आप लोगों को समर्पित कर दिया जाएगा। गोरखपुर में अनेक विकास के कार्य होने हैं। इसी दृष्टि से हम लोगों ने समग्र विकास की एक रूपरेखा तैयार किया है। पहले गोरखपुर के पास एक ही जगह वायु सेवा की सुविधा थी। आज गोरखपुर को दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु और मुंबई सभी जगह से जुड़ चुका है। सभी फ्लाइट फुल चल भी रही है। नई सोच गोरखपुर के अंदर आई है। नया गोरखपुर सामने दिखाई दे रहा है। 12 सौ करोड़ रुपए की लागत से बायोफ्यूल की एक फैक्ट्री लगाने जा रहे हैं। जिस कचरे को हम इधर-उधर फेंक देते हैं, उसका हम बायोफ्यूल बनाएंगे।