लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि सबसे ज्‍यादा आबादी वाला राज्‍य उत्‍तर प्रदेश जीएसटी संग्रह के लिहाज से भी देश में अव्‍वल होना चाहिये. राज्‍य सरकार के एक प्रवक्‍ता ने बताया कि मुख्‍यमंत्री ने वाणिज्‍य कर विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य होने के साथ-साथ देश के सर्वाधिक उपभोक्‍ताओं वाला प्रदेश भी है, लिहाजा यहां जीएसटी संग्रह भी सबसे ज्‍यादा होना चाहिए. इस दिशा में प्रभावी प्रयास करते हुए जीएसटी संग्रह में वृद्धि की जाए.


अधिकारियों की जवाबदेही तय हो


उन्होंने कहा कि राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में सभी स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और राजस्व चोरी में शामिल तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. राजस्व संग्रह के कार्य में तकनीक का व्यापक उपयोग किया जाए. तकनीक का इस्तेमाल राजस्व की वसूली के साथ इसकी चोरी रोकने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है.


सभी व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन जरूरी


मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी संग्रह के लिए सभी व्यापारियों का पंजीयन कराया जाना सबसे जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कम से कम 25 लाख व्यापारियों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन होना चाहिए. राज्य में जीएसटी के तहत पंजीकृत व्यापारी के लिए 10 लाख रुपये के मुफ्त बीमे की व्यवस्था है. जीएसटी में रजिस्ट्रेशन होने से भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता. व्यापारियों को इस सम्बन्ध में जागरूक करते हुए अधिक से अधिक व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाए.


ओटीएस योजना फिर से लागू हो


सीएम योगी ने प्रयागराज, अयोध्या, गौतमबुद्धनगर, गोरखपुर, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ जोन में कार्यरत अपर वाणिज्य कर आयुक्तों से रिटर्न फाइलिंग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की. उन्होंने कहा कि वैट की बकाया धनराशि की वसूली के लिए ओटीएस योजना फिर से लागू की जाए.


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