(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Holi 2024: सीएम योगी होली मनाने पहुंचे गोरखनाथ मंदिर, बोले- 'सनातन धर्म उत्साह में विश्वास करता हैं'
UP News: गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई जगहों में आज होली मनाई जा रही है. सीएम योगी गोरखपुर में होली मनाने पहुंचे है. यहां वो 26 साल से होली का पर्व मना रहे है. आज शोभायात्रा में भी शामिल होंगे.
Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर समेत पूरे पूर्वांचल में होली मनाई जा रही है. गोरखपुर में सीएम योगी होलिका दहन में शामिल हुए. उसके बाद उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पूजा अर्चना भी की. उन्होंने वहां लोगों को कहा कि जब-जब सनातन धर्म पर संकट आया है कोई न कोई अवतार खड़ा हो गया है. सनातन धर्म उत्साह में विश्वास करता है. उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को होली की शुभकामनाएं भी दी.
इसके पहले सीएम योगी ने गोरखपुर के पाण्डेयहाता में होलिका दहन के पूर्व निकलने वाली शोभायात्रा में सम्मिलित हुए थे. सीएम योगी आदित्यनाथ 26 वर्षों से गोरक्षपीठ की इस परंपरा का निर्वहन कर रहे है. होलिका दहन के पहले निकलने वाली इस शोभायात्रा में पुष्प वर्षा के साथ होली खेलने वाले लोगों के बीच अलग ही उत्साह दिखाई देता है. वहीं इस होलिका दहन का आयोजन 1927 से किया जा रहा है.
सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में की पूजा
होली मनाने गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी ने यहां गोरखनाथ मंदिर में पूजा की. वहां उन्होंने रुद्राभिषेक कर देवाधिदेव भगवान भोलेनाथ से लोकमंगल एवं चराचर जगत के कल्याण की प्रार्थना की. रुद्राभिषेक के बाद उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन व आरती की. इसके बाद सीएम योगी घंटाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह की भव्य रंगभरी शोभायात्रा में शामिल होंगे. इस दौरान पूरा गोरखपुर रंगों से सराबोर रहेगा.
गोरखपुर में आज खेली जाएगी होली
गोरखपुर में रंग पर्व की शुरुआत सीएम योगी के होलिका दहन की भस्म की राख से तिलक लगाने के साथ होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में होलिका दहन के भस्म की राख से लोगों को तिलक लगाया. वहीं पीठाधीश्वर के साथ ही मंदिर के कई पुजार एवं अन्य साधु संत भी होलिका दहन के भस्म से रंगोत्सव का शुभारंभ किया. इस अवसर पर मंदिर में फाग गीत भी गाया गया. इसक बाद दोपहर में सीएम योगी आदित्यनाथ के यहां होली मिलन समारोह का आयोजन होगा.
495 साल बाद रामलला ने खेली होली- सीएम योगी
सीएम योगी होली का पर्व मनाने गोरखपुर पहुंचे है, वहां उन्होंने होलिका दहन की भस्म की राख से तिलक लगाकर रंग पर्व की शुरुआत की. उसके बाद उन्होंने लोगों को संबोंधित भी किया. उन्होंने कहा पर्वों व त्यौहार की हमार परंपरा बताती है कि सनातन धर्म शोक और संताप में नहीं उत्साह में विश्वास करता है. जब कभी भी सनातन धर्म पर संकट आया है तो कोई न कोई अवतार सामने आकर नेतृत्व करके उनको दुष प्रवृत्तियों को नष्ट किया है. उन्होंने ये भी कहा कि 495 साल बाद अयोध्या में रामलला ने होली खेली है.
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