UP News: उत्तर प्रदेश में जहां दिवाली के मौके पर हर कोई खुशियां मना रहा है, इसी बीच शिक्षकों के लिए एक बुरी खबर आई है. दरअसल राज्य सरकार ने प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अपनी सेवाएं दे रहे दो हजार से ज्यादा तदर्थ शिक्षकों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है. इस संबंध में अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने 10 नवंबर को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.


दीपावली के मौके पर राज्य के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में छात्रों को लंबे समय से पढ़ा रहे टीचरों को झटका लगा है. राज्य की सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का फैसला कर लिया है. शिक्षा विभाग ने राज्य के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे तकरीबन 2090 तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्त करने के आदेश दिए हैं.


2090 तदर्थ शिक्षकों को निकाला गया


अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेन्द्र कुमार तिवारी की ओर से जारी किए गए निर्देश के अनुसार सात अगस्त 1993 से नियुक्त किए गए 2090 तदर्थ शिक्षकों को निकाले जाने का आदेश किया गया है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के 26 अगस्त 2020 के आदेशानुसार तदर्थ शिक्षकों को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी 2021 शिक्षक भर्ती परीक्षा में मौका दिया गया था. जिस दौरान केवल 40 शिक्षक ही सफल हो पाए थे.


पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने किया विरोध


वहीं दूसरी ओर तदर्थ शिक्षकों की सेवा समाप्ति सम्बन्धी आदेश पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी ने आपत्ति जताई है. उन्होंने इसका विरोध करते हुए इसकी निंदा की और इस आदेश को तुगलकी फरमान करार दे डाला. उनका कहना है कि जिस समय शिक्षकों की भारी कमी थी उस वक्त  इन शिक्षकों ने विद्यालयों में छात्रों की पढ़ाई का जिम्मा लिया. वहीं अब 25 से 30 वर्षों तक सेवा देने के बाद इन्हें निकाला जाना बेहद गंभीर विषय है.


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