गोरखपुर, एबीपी गंगा। एबीपी गंगा के खास कार्यक्रम में शामिल होने उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इस दौरान एबीपी गंगा ने इंसेफेलाइटिस रोग की जांच और रोकथाम के लिये स्वास्थय शिविर लगाया गया। एबीपी गंगा ने इस कैंप का आयोजन किया। दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और स्वास्थय मंत्री जय प्रताप सिंह मौजूद रहें। इस दौरान उन्होंने वृक्षारोपण किया। योगी आदित्यनाथ इस दौरान बच्चों से मिले और उनसे बातचीत की। एबीपी न्यूज नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडे ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिये हम आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं।


मुखयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एबीपी गंगा को बधाई देते हुए कहा कि मैं इंसेफेलाइटिस मुक्त उत्तर प्रदेश के लिये इस अभियान में चैनल के सहयोग का आभार जताता हूं। हमारी सरकार आने से पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में स्थिति ठीक नहीं थी। लेकिन मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री से बात की और कोशिश करके तमाम समस्याओं को दूर किया।


आज तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हालात बहुत बदल चुके हैं। संचारी रोग को लेकर हमने प्रदेश स्तर पर अनेक कार्यक्रम संचालित किये। उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार सांसद बना ते इस बीमारी के खिलाफ मैंने संकल्प लिया। सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में पहली प्राथमिकता है इंसेफेलाइटिस को खत्म करना। इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश में सात नये मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।


अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कुंभ के सफल आयोजन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी का प्रबंधन सफल तरीके से किया गया। किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। उन्होंने बताया कि 24 करोड़ श्रद्धालुओं ने दिव्यकुंभ में हिस्सा लिया।



 

इंसेफेलाइटिस जैसा जानलेवा रोग पूर्वांचल में कहर बनकर टूटा था। हालांकि सरकार ने इस पर रोकथाम के लिये कई योजनाएं चलाईं। इसे लेकर सीएम ने एक कार्यक्रम में जानकारी देते हुये कहा कि मासूमों का दर्द देख उन्होंने सड़क से संसद तक मामले को उठाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2004-05 में इंसेफेलाइटिस पर अंकुश के लिए टीकाकरण शुरू हुआ, जिससे बीमारी का प्रकोप कुछ कम हुआ।

भाजपा की सरकार बनने के बाद इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाए गए। प्रदेश के 38 जिलों में इंसेफेलाइटिस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। इस कार्य में कई विभाग शामिल किए गए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, नगरीय निकायों की जिम्मेदारी तय की गई है। बीआरडी समेत अन्य मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। वर्ष 2017 में गोरखपुर मंडल में इंसेफेलाइटिस के 86 मरीज मिले थे, जिनमें से छह की मौत हुई थी।

मुख्य्मंत्री ने कहा कि बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया, जो अब जन आंदोलन बन चुका है। शहर से गांव तक लोगों को बताया जा रहा है कि शुद्ध पेयजल के सेवन और स्वच्छता से इस बीमारी पर अंकुश संभव है। स्वच्छता भाजपा सरकार के एजेंडे में टॉप पर है। इसके तहत प्रदेश में एक करोड़ 60 लाख शौचालय बनवाए जा चुके हैं। बीमारी की रोकथाम को सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। अगर आप सभी घर-बाहर साफ-सफाई रखें तो इंसेफेलाइटिस पर पूरी तरह से रोक लग जाएगा।