लखनऊ, संतोष कुमार। क्राइम कंट्रोल में विफलता और भ्रष्टाचार की शिकायतों पर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति अब अफसरों पर भारी पड़ती जा रही है। क्राइम कंट्रोल में फेल हुए एक और एसएसपी को सरकार ने हटा दिया है एसपी प्रतापगढ़ के बाद एसएसपी प्रयागराज को हटाया है। एसएसपी एसटीएफ सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रयागराज का नया एसएसपी बनाया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग,समीक्षा मीटिंग में मुख्यमंत्री और डीजीपी की लगातार हिदायत और शिकायतों के बावजूद नहीं सुधरने वाले पुलिस अफसरों पर अब सीधे कार्रवाई का डंडा चलाया जा रहा है। बीते चार अगस्त को सरकार ने जहां थानेदारों की पोस्टिंग में भ्रष्टाचार की शिकायत पर एसएसपी बुलंदशहर एन कोलांची को सस्पेंड किया था तो वही प्रतापगढ़ में लगातार हो रहे अपराध पर काबू न कर पाने वाले एसपी एस आनंद को हटा दिया गया। एसपी प्रतापगढ़ रहे एस आनंद की जगह एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह को प्रतापगढ़ के क्राइम कंट्रोल की जिम्मेदारी दी गई।
अब बीते 24 घंटे में लगातार हत्या की वारदातों से दहले प्रयागराज में नाराज मुख्यमंत्री ने एसएसपी प्रयागराज को भी हटा दिया है। एसएसपी प्रयागराज अतुल शर्मा को डीजीपी मुख्यालय से अटैच कर एसएसपी एसटीएफ सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को प्रयागराज भेजा गया है।
इससे पहले सरकार ने ब्लैकमेलर को घूस लेकर छोड़ने के आरोप में एसपी बाराबंकी डॉक्टर सतीश को भी सस्पेंड कर दिया था। वहीं दूसरी ओर सोनभद्र कांड में लापरवाही बरतने वाले एसपी और डीएम को भी सरकार ने हटाने में देर नहीं की और लापरवाही बरतने वाले 14 अफसरों पर एफआईआर तक दर्ज करा दी।
मामला अपराध नियंत्रण का हो, भ्रष्टाचार की शिकायत का हो या फिर महिलाओं के साथ होने वाले अपराध। शासन ने हमेशा अपनी प्राथमिकताओं को गिनाते हुए फील्ड में तैनात अफसरों को हिदायतें दी और फटकार भी लगाई। लेकिन हिदायत और फटकार से ना सुधरने वाले अफसरों पर अब सरकार ने कार्रवाई का डंडा चलाना शुरू किया है और इस कार्रवाई का ताजा शिकार एसएसपी प्रयागराज अतुल शर्मा हुए हैं। एसएसपी प्रयागराज अतुल शर्मा को हटाए जाने से आईपीएस लॉबी में हड़कंप मचा हुआ है। लखनऊ से लेकर ललितपुर तक गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक हर जिले का कप्तान किसी भी लापरवाही पर कुर्सी जाने के खतरे को भांप कर काम करने में लग गया है।