कानपुर, प्रभात अवस्थी। औद्योगिक नगरी कानपुर के लिए शुक्रवार का दिन काफी अहम रहा है। आज राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुरवासियों को मेट्रो की सौगात देने के लिये भूमि पूजन व शिलान्यास किया। पहले चरण में कानपुर मेट्रो आईआईटी से शुरु हो कर मोतीझील तक जाएगी। जो लगभग 8 .73 किलोमीटर की होगी। साथ ही साथ इस प्रोजेक्ट में 2000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।


यूपी मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने एबीपी गंगा से खास बातचीत में बताया कि किस तरह से पूरा प्रोजेक्ट काम करेगा। क्या खासियत होगी। कितने स्टेशन होंगे और कहां कहां पर ये मेट्रो अंडर ग्राउंड हो कर गुजरेगी ।


अब लोगों को इंतजार था कि उस पल का कि कब योगी आदित्यनाथ कार्यक्रम स्थल पहुंचे और मेट्रो के काम का शुभारंभ करे। तो जैसे ही योगी आदित्यनाथ शिलान्यास स्थल पहुंचे तो वहां मौजूद पंडितों ने मंत्रोचारण शुरू कर दिया और योगी आदित्यनाथ को हाथों में नारियल दिया गया जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने नारियल फोड़ कर बटन दबा कर पिलर के लिए ड्रिल का काम का शुभारंभ कर दिया।


पिछली सरकारों ने कानपुर की उपेक्षा की 


पूजा अर्चना के बाद योगी आईआईटी के ऑडिटोरियम में पहुचे और लोगों को संबोधित किया उन्होंने संबोधित करने हुए कहा कि कानपुर यूपी का सबसे बड़ा महानगर है, लेकिन कानपुर के साथ विकास को लेकर जो पहल होनी चाहिए थी, वो पहले की सरकारों ने नहीं किया। 15 सालों की सरकारों ने कानपुर की उपेक्षा की। यहां पहले बिना अप्रूवल, बिना पैसे प्रोजेक्ट्स को लाया जाता था। इनके नाम पर लूट खसोट होती थी।


उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास दिसंबर 2016 में हो चुका है, बाद में 5 महीने बाद मैंने पता किया कि जमीन तक अधिकृत नहीं की गई थी। बाद में मैंने प्रोजेक्ट कैंसिल कर दोबारा प्रक्रिया शुरु की। दिसंबर 2016 में जिस प्रोजेक्ट की कीमत 15 हजार 200 करोड़ थी वही जून 2018 में 11 हजार 800 करोड़ ही थी। ये साढ़े तीन हजार करोड़ किसकी जेब में जा रहे थे? यूपी सरकार ने अबतक 27 लाख लोगों को आवास दिया। आगामी दो महीने में हम बुंदेलखंड एक्सप्रेस का शिलान्यास करने जा रहे हैं। मार्च 2017 में जब हम आए तो प्रदेश में मेट्रो कहीं नहीं थी और आज चार शहरों में मेट्रो है। वे लोग भी थे, जो सिर्फ शिलान्यास पर ही भरोसा करते हैं, लेकिन ये काम कर दिखाया।


कानपुर में हैं अपार संभावनाएं


पिछली सरकारों में जो प्रयास होना चाहिए था, वो नहीं हुआ। 2 साल में एक रुट में मेट्रो चलेगी, ये इस प्रदेश के सबसे महानगर की आवश्यकता थी। अब कानपुर बंद पड़े उद्योगों के लिए नहीं बल्कि बंद पड़े उद्योगों के पुनरुद्धार के लिए जाना जाएगा। कानपुर में गंगा सबसे ज्यादा गंदी थीं, लेकिन अब गंगा अविरलता की ओर अग्रसर है। कानपुर को कानपुर की पहचान देने की जरूरत है। आने वाले समय में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित होना है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को हम डिफेंस कॉरिडोर से जोड़ेगे। सीएम ने कहा कि कानपुर में बहुत संभावना है। 1947 से 2017 तक 70 सालों में प्रदेश में दो एयरपोर्ट थे। कानपुर समेत 7 शहरों में हम एयरपोर्ट रन कर रहे हैं। अयोध्या में हमने एयरपोर्ट के लिए जमीन दे दी है और 200 करोड़ रिलीज भी कर दिया है। 11 एयरपोर्ट पर हम कार्य कर रहे हैं। विकास के लिए ये सुविधाएं आवश्यक हैं। आने वाले समय में प्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम और बेहतर होगा।


पहले चरण में होंगे कानपुर मेट्रो के 9 स्टेशन


आज कानपुर मेट्रो का शिलान्यास हो गया है अगर पहले चरण की बात करे तो इसमें स्टेशनों की संख्या 9 होगी।


पहला स्टेशन - आईआईटी कानपुर
दूसरा स्टेशन - कल्यानपुर स्टेशन
तीसरा स्टेशन - एसपीएम हॉस्पिटल
चौथा स्टेशन - CSJM यूनिवर्सिटी
पांचवा स्टेशन - गुरुदेव टॉकीज
छठवां स्टेशन - गीता नगर
सातवां स्टेशन - रावतपुर स्टेशन
आठवां स्टेशन - लाल लाजपत राय हॉस्पिटल
नवां स्टेशन - मोतीझील