लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे, उनके साथ डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी साथ में थे. सीएम योगी ने दीप प्रज्वलन कर लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह का उद्घाटन किया. राज्य मंत्री नीलिमा कटियार और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि ओडीओपी (ODOP) के जरिये हर हाथ को काम, हर खेत को पानी मिलेगा. हर संस्थान को इससे जोड़ना होगा.


विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय ने कहा विवि ने नया, पीएचडी, पीजी आर्डिनेंस नई शिक्षा नीति के अनुसार बनाकर लागू किया. यूनिवर्सिटी ने इस साल तीन नए संस्थान प्रस्तावित किये हैं. विवि में हैप्पीनेस थिंकिंग लैब के लिए MOU किया है.


विवि की कर्मयोगी योजना को लागू कर छात्रों को पढ़ाई के साथ कमाने का अवसर दिया. विवि के चार म्यूजियम और डॉ. राधा कमल मुखर्जी कला दीर्घा को आम लोगों के लिए खोला गया है.


डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने इस दौरान कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय की 100 वर्ष की यात्रा में तमाम विद्वान छात्र छात्राएं दिए. पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, चंद्रयान की मिशन निदेशक भी यहीं की छात्रा थीं. विवि ने कोविड काल में जिस तरह बीएड प्रवेश परीक्षा कराई आसान नहीं था. सरकार ने यहां कई शोध पीठ के निर्माण के लिए काम किया है. छात्रावासों के निर्माण के लिए भी अनुदान दिया गया.


विद्यादान माह में 67 हज़ार डिजिटल कंटेंट में साढ़े 11 हज़ार से अधिक सिर्फ लखनऊ विवि के आये. लखनऊ विवि की स्थिति और बेहतर करने के लिए सीतापुर, रायबरेली, लखीमपुर सेट 5 जिलों के कॉलजों को इससे जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि ये देश का 9वां विश्वविद्यालय जो शतक बना रहा है.


शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में बोले सीएम योगी


प्रदेश के सीएम ने कहा कि 100 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए लखनऊ विवि को बधाई. 100 वर्ष पूर्ण होने के साथ ढेर सारी उपलब्धियां लाया हैं. लेकिन ये ऐसे समय जब एक तरफ कोविड की चुनौती और साथ ही नई शिक्षा नीति सामने आई है. इन दोनों से हम बहुत कुछ ले सकते हैं.


चुनौती से उबरा और आग से तपकर ही बना सोना


लखनऊ विश्वविद्यालय ने कोविड 19 की चुनौती में तकनीक का इस्तेमाल कर ऑनलाइन क्लासेज आरंभ की. पीएम के वोकल फ़ॉर लोकल के लिए भी काम किया. लखनऊ विश्वविद्यालय गर्व से कह सकता कि हमने देश को न्यायमूर्ति प्रदान किये. मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमने प्रशासनिक अधिकारी और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए राजनेता दिए. शोध के लिए वैज्ञानिक दिए तो अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उद्योगपति भी. 2022 तक नई शिक्षा नीति देश भर में लागू हो जाएगी.


नई शिक्षा नीति से ज्ञान और रोजगार में समन्वय से युवा स्वावलंबन की तरफ बढ़ेगा. मैं अक्सर कहता हूं कि हमने शिक्षण संस्थान खोल दिये लेकिन जन सरोकार से उनको दूर कर दिया जाता. उन्होंने कहा कि सिर्फ शिक्षक और छात्र इसका हिस्सा नहीं, अभिभावकों, पुरातन छात्रों की बड़ी भूमिका है. इनसे बेहतर संवाद कर किसी कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे तो ज्ञान के साथ शोध की उत्कृष्टता को बेहतर करेगा.


हर कस्बे में इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज हैं. सबके पास केमिस्ट्री एयर बायोलॉजी लैब हैं. सीएम ने कहा कि 2018 में यूपी का प्रथम स्थापना दिवस प्रदेश में 24 जनवरी को मनाया गया, तब राज्यपाल राम नाइक ने प्रस्ताव दिया, सरकार ने इसे शुरू किया. इसके साथ ही हमने ODOP का कार्यक्रम शुरू किया. आज पूरे देश मे इस कार्यक्रम के लिए बजट का प्रावधान हो रहा है. यही आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव और कड़ी बन सकता है. अगर शिक्षण संस्थान इससे जुड़ जाएं तो हर हाथ को काम और हर खेत को पानी देने में देर नहीं लगने वाली.


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