मेरठ: कोरोना से हुई हर मौत की होगी केस स्टडी, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से मांगा गया ब्योरा
सोमवार को मेरठ पहुंची मुख्यमंत्री की नई नोडल टीम ने कहा कि कोविड से हुई एक एक मौत की केस स्टडी की जाएगी. कमियों को चिन्हित कर उसका निराकरण होगा.
मेरठ, बलराम पांडेय: मेरठ में लगातार हो रही कोविड-19 से मौतों के बीच नोडल अधिकारी पी गुरुप्रसाद और केजीएमयू के एक डॉक्टर ने सोमवार को मेरठ में घंटों तक अधिकारियों के साथ मंत्रणा की.मीडिया से बात करते हुए नोडल अधिकारी पी गुरुप्रसाद ने कहा कि जिले में कोरोना के मरीजों का बढ़ना चिंता की बात है और कोरोना से हुईं मौतों को लेकर शासन भी चिंतित है. नोडल अधिकारी ने कहा कि सरकार ने मौतों के कारण की जांच और इन्हें रोकने के उपाय करने का आदेश दिया है. उन्होंने मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग से मेरठ मेडिकल कॉलेज में अब तक हुई स्थानीय व अन्य जनपदों के एक-एक व्यक्ति की मौत के कारण की रिपोर्ट मांगी है. इसी के आधार पर मेरठ में हो रहे अत्यधिक मौतों को रोकने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी.
पी गुरुप्रसाद ने कहा कि शासन ने मेरठ में कोरोना से हो रही मौतों को कम करने और उसमें यदि कहीं लापरवाही है, तो उसका पता लगाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. रिपोर्ट मंगलवार सुबह तक मांगी गई है. मौतों के कारणों का अध्ययन करके आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. नोडल अधिकारी और आबकारी आयुक्त पी गुरुप्रसाद ने कहा कि मेरठ में कोविड से हुई एक-एक मौत की केस हिस्ट्री की स्टडी की जाएगी. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से उन्होंने कोविड से हुई हर एक मौत का ब्योरा मांगा है. यानि जब मरीज यहां भर्ती हुआ था, तब उसकी तबियत कैसी थी और उसका इलाज कैसे किया गया. नोडल अधिकारी ने कहा कि कमियों को चिन्हित किया जाएगा. उसका निराकरण होगा, ताकि ऐसी स्थिति दोबारा न बने. उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा कि कोविड से जितनी भी डेथ हुई हैं, उसकी समीक्षा की जाएगी.
गौरतलब है कि मेरठ में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अकेले मेरठ जिले में अब तक 47 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. महत्वपूर्ण है कि यहां कोरोना संक्रमण के बढ़ते कहर को देखते हुए प्रदेश सरकार ने फिर से लखनऊ से विशेष अफसरों की टीम भेजी है. नोडल अधिकारी आबकारी आयुक्त पी गुरुप्रसाद सोमवार को सबसे पहले कमिश्नर से मिले और उसके बाद विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ उन्होंने बैठक की. बैठक में कोरोना के प्रकोप को कम करने की रणनीति तैयार की गई. उन्होंने सर्किट हाउस में एक-एक विभाग के अफसरों से अलग-अलग बात की. डीएम और सीडीओ के बाद उन्होंने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और सीएमओ से भी तमाम जानकारियां लीं.
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