लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास टालने की कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की सलाह पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सोमवार को कहा कि कांग्रेस कभी नहीं चाहती थी कि राम जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास हो.
आगामी पांच अगस्त को होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने अयोध्या पहुंचे योगी ने संवाददाताओं से बातचीत में दिग्विजय की सलाह के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'कांग्रेस राम जन्मभूमि पर मंदिर का शिलान्यास कभी नहीं चाहती थी. कांग्रेस इस विवाद का पटाक्षेप नहीं चाहती थी. जब उच्चतम न्यायालय में मामला गया था तब कांग्रेस के ही एक नेता ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दी थी कि इस समस्या का समाधान 2019 से पहले ना होने पाए.' मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को अपने इतिहास में झांकना चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का काम आजादी के फौरन बाद सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार के साथ शुरू हो सकता था, लेकिन जब लोगों के लिए देश से ज्यादा महत्वपूर्ण सत्ता हो जाती है तो वे लोग अपनी राजनीतिक इच्छाओं के लिए जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं. समाज को जाति, मत और मजहब के आधार पर बांटते हैं.
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कहा था कि संविधान के दायरे में रहकर ही राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेंगे.
उन्होंने कहा कि नौ नवंबर 2019 की तिथि ऐतिहासिक है जब अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ. योगी ने कहा कि अब मंदिर निर्माण से छद्म धर्मनिरपेक्षता और जाति, मत, मजहब की राजनीति हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी.
दिग्विजय सिंह ने किया था ट्वीट
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा 'मैं मोदी जी से फिर अनुरोध करता हूँ 5 अगस्त के अशुभ मुहूर्त को टाल दीजिए. सैकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर निर्माण का योग आया है अपनी हठधर्मिता से इसमें विघ्न पड़ने से रोकिए.' मुख्यमंत्री ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में लगभग 500 वर्षों की परीक्षा के परिणाम के बाद भगवान श्री राम के भव्य मंदिर की आधारशिला रखेंगे. यह हमारे लिए ऐतिहासिक और भावनात्मक घड़ी है. साथ ही एक नए भारत की आधारशिला रखने का एक नया अवसर भी है. इसी दृष्टि से यहां के कामों का अवलोकन करने के लिए खुद आया हूं।” उन्होंने कहा कि शिलान्यास का आयोजन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का है लेकिन उस कार्यक्रम में हर तरह के सुरक्षा इंतजाम को देखने के लिए हम यहां आए हैं. स्वाभाविक रूप से कहीं भी कोई कोताही न बरती जाए हमने इसकी तैयारी पूरी तत्परता से की है.
कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान
योगी ने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल को लागू करना मुख्य बात है और प्रशासन इस बात को ध्यान में रखकर ही काम कर रहा है. अयोध्यापुरी में आगमन के लिए आज शाम से वे ही लोग आएंगे जो आमंत्रित हैं. बाकी श्रद्धालुजन का प्रतिनिधित्व खुद प्रधानमंत्री करेंगे.
उन्होंने कहा कि बाकी सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि इस ऐतिहासिक क्षण के साथी बनने के लिए आवश्यक है कि हम चार और पांच अगस्त को अपने घरों में दीप जलाएं. धर्माचार्यगण मंदिरों को खासतौर पर सजाएं, मंदिरों में दीपोत्सव का कार्यक्रम आयोजित करें. अखंड रामायण का पाठ करें और अपने उन सभी पूर्वजों का स्मरण करें जिन्होंने श्री राम जन्म भूमि के लिए अपना बलिदान दिया था.
योगी ने यह भी कहा कि कोविड-19 का संकट गुजरने के बाद हमारा प्रयास होगा कि हम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास के साथ मिलकर देश—प्रदेश के भी हर जिले से व्यवस्थित रूप से श्रद्धालुओं को अयोध्या लाने के लिए एक विस्तृत कार्यक्रम शुरू करेंगे.
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