लखनऊ, संतोष कुमार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज साल 2019 के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश और जिलेवार सर्वाधिक अंक पाने वाले मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ-साथ अन्य बोर्ड के टॉपर 1695 मेधावी छात्रों को मुख्यमंत्री ने टेबलेट देकर सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने छात्रों के साथ-साथ उनके स्कूल प्रिंसिपल और अभिभावकों को भी सम्मानित किया।


साल 2019 में हुई हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के 1695 मेधावी छात्रों को आज सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मानित किया। इस मौके पर राज्य स्तरीय मेरिट सूची के 120 छात्रों को एक लाख रुपए नगद और टेबलेट देकर सम्मानित किया गया। वही जिला स्तर पर सर्वाधिक अंक पाने वाले हर जिले के टॉप टेन मेधावी छात्रों को भी 21000 नगद और टेबलेट देकर सम्मानित किया गया।


सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में बदलती शिक्षा व्यवस्था पर कहा कि सरकार ने पहले शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति को सुनिश्चित कराया, हर स्कूल में गणित साइंस इंग्लिश के शिक्षक मुहैया कराए और अब बारी गुणवत्ता वाली शिक्षा देने की है। अब यूपी बोर्ड में चलने वाली किताबों और उसके कोर्स में अमूल चूल परिवर्तन कर एनसीईआरटी की किताबों को लागू किया गया। बीती सरकारों में शिक्षण के नाम पर सिर्फ दो ही काम होते थे एक परीक्षा की तैयारी और दूसरी परीक्षा कराना। लेकिन सरकार ने साल भर के इस काम को 15 दिन में समेट दिया। अब 15 दिन में परीक्षा की तैयारी होती है और 15 दिन में ही परीक्षा। स्कूलों में शिक्षण के दिनों में 3 महीने तो महापुरुषों की जयंती की छुट्टी में निकल जाते थे। हमने यह छुट्टी बन्द की और छुट्टी के बजाय बच्चों को उन महापुरुषों की जीवनी के बारे में बताना शुरू किया।


शिक्षा का मतलब सिर्फ डिग्री हासिल करना नहीं बल्कि उज्जवल समाज और उज्जवल भविष्य बनाने का साधन भी है। आज हम बच्चों को छुइमुइ बना रहे हैं विषम परिस्थितियों से लड़ने की शिक्षा दिया जाना भी बेहद जरूरी है। विषम परिस्थितियों में भी कैसे तटस्थ और पूरी लगन से काम किया जाए यह शिक्षा बच्चों को परिवार और स्कूल दोनों से दी जानी चाहिए। किताबी ज्ञान से व्यक्ति सफल नहीं हो सकता परिवार और स्कूल की छोटी छोटी बातें भी जिंदगी में अहमियत रखती हैं, जिनको नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।


इस मौके पर वह बच्चे और उनके मां बाप भी खासे खुश नजर आए जिनको मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से सम्मानित किया। गाजियाबाद से आई अंशिका रोजाना 2 से 3 घंटे की पढ़ाई कर मेधावी छात्र बनी तो मां ने भी अंशिका का पूरा साथ दिया।