उपद्रव और हिंसा की छूट किसी को नहीं दी जा सकती: योगी आदित्यनाथ
राज्य में हुई हिंसा पर सीएम योगी ने जनता से अपील करते हुये कहा कि किसी के बहकावे में न आएं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की सुरक्षा करना प्रदेश सरकार की दायित्व है।
लखनऊ, एजेंसी। नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश के शहरों में हुये बवाल को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता से लगातार शांति बनाये रखेने की अपील कर रहे हैं। सीएम योगी ने शनिवार को ट्वीट करते हुये जनता से कहा कि संशोधित नागरिकता कानून पर फैलाये जा रहे बहकावे में नहीं आएं। उन्होंने कहा कि उपद्रव और हिंसा की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।
मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी ने सभी प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे किसी बहकावे में न आएं और शांति बनाए रखने में सरकार का पूर्ण सहयोग करें। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कानून को हाथ में लेकर उपद्रव व हिंसा की छूट किसी को भी नहीं दी जा सकती है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) December 21, 2019
योगी ने ट्वीट किया, 'कानून को हाथ में लेकर उपद्रव और हिंसा करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। संशोधित नागरिकता कानून पर फैलाए जा रहे भ्रम और बहकावे में कोई भी न आए।' उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का है और पुलिस हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी पहले ही कह चुके हैं कि नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है। इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन भारत के कानून को नकारने जैसा है: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी
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मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वह अफवाहों पर यकीन नहीं करे और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में न आएं। उन्होंने शांति बहाली की अपील करते हुए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए है कि वह संशोधित नागरिकता कानून पर अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने और हिंसा फैलाने वाले तत्वों का पता लगाए।
योगी ने दोहराया कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचायी है, उस संपत्ति की भरपाई, वीडियो फुटेज तथा अन्य प्रमाणों के आधार पर चिह्नित किए जा रहे उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि संशोधित नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है। इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन भारत के कानून को नकारने जैसा है।