लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मंडियां अब गोआश्रयों को दो के बजाय तीन प्रतिशत उपकर दें। उन्होंने कहा कि मंडियों की आय बढ़ी है, लिहाजा गोआश्रयों को दिए जाने वाले उपकर को बढ़ाया जाना चाहिए और साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह पैसा उन्हीं संस्थाओं को मिले जो सेवा भाव से गोआश्रय चलाती हैं। उन्होंने कहा कि इसका कुछ हिस्सा पशुपालन विभाग को भी दिया जाए। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को लोकभवन में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद उप्र की संचालक परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे।


बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि खाड़ी देशों में जारी तनाव और बढ़ सकता है। इसकी आड़ में कुछ लोग जरूरी चीजों की कालाबाजारी, भंडारण और तस्करी में लिप्त हो सकते हैं। ऐसे लोग इन चीजों की कृत्रिम कमी बनाकर इनके दाम बढ़ा सकते हैं। इन पर पैनी नजर रखें और जरूरी हो तो कड़ी कार्रवाई करें। दाल, तेल और सब्जियों के दाम पर विशेष नजर रखें।


मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि जैविक उत्पादों के लिए लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के साथ ही बुंदेलखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी एक-एक प्रयोगशाला दें। बेहतर तो यह होगा कि हर जिले में उपलब्ध कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में भी इस तरह की एक प्रयोगशाला स्थापित की जाए। केंद्र के दिशानिर्देश के अनुसार प्रदेश में जो 500 हाट पैठ बनने हैं, उन्हें संबंधित ग्राम पंचायतों की सहमति से बनाया जाए। उनके रखरखाव के लिए पंचायतों को जवाबदेह बनाएं। इसके लिए पंचायतें एक न्यूनतम शुल्क भी लें।



योगी ने यह भी निर्देश दिया कि बुंदेलखंड पैकेज के तहत जो मंडियां बनी हैं और अब तक स्थानांतरित नहीं हुई हैं, वहां सुविधाएं बढ़ाकर व्यापारियों को स्थानांतरित कराया जाए। प्रदेश से कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन दें। इस बाबत जो भी शर्तें हों वे बिल्कुल स्पष्ट हों ताकि उनका कोई अपने हित के अनुसार व्याख्या न कर सके।