लखनऊ, वीरेश पांडे। कनिका कपूर मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी होने के बाद बॉलिवुड सिंगर कनिका कपूर ने इसे छिपाया, इसके बाद लापरवाह सीएमओ ने बिना जांच गलत तथ्यों पर एफआईआर दर्ज करा दी। कनिका कपुर मामले में सीएमओ ने एफआईआर संशोधन के लिए दूसरा शिकायती पत्र लिखा है, जिसके बाद ये लापरवाही सामने आयी।



सीएमओ ने बताया कि कनिका 11 मार्च को चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे, लखनऊ पहुंची थी। इससे पहले वे लंदन से मुंबई पहुंची  थीं। कनिका को मुंबई एयरपोर्ट पर ही डॉक्टर ने क्वारंटाइन में रहने के निर्देश भी दिये थे। लेकिन बॉलिवुड गायिका ने इस निर्देश को ताक पर रखते हुये सामान्य रूप से अपनी गतिविधियां जारी रखीं। इस पत्र के मुताबिक जांच के लिये सैंपल 19 मार्च को भेजा गया और 20 मार्च को रिपोर्ट मिली जिसमें वे कोरोना पॉजिटिव पायी गयी।
इससे पहले के पत्र में तिथि गलत लिखी गयी..जिसमें 14 मार्च को रिपोर्ट  पॉजिटिव पाये जाने की बात कही गयी। अब सीएमओ इसमें भूल सुधार के लिये कह रहे हैं।


इसका मतलब ये हुआ है कि लखनऊ में एयरपोर्ट पर कोई जांच नहीं हुई और गलत तथ्यो के आधार पर एफआईआर दर्ज करा दी दी गई।


आपको बता दें कि क्वारंटाइन की मिली सलाह के बावजूद वह लखनऊ आकर 14 मार्च को होटल ताज पहुंची और होटल के रूम नंबर 362 में 16 मार्च तक रुकीं। 16 मार्च की सुबह 10:05 मिनट पर चेकआउट करके अपने घर चली गईं।


कोरोना से पीड़ित कनिका कपूर के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सीएमओ को लिखी चिट्ठी में सामने आया है कि कनिका कपूर के साथ ओजस देसाई भी ताज होटल में रुके थे। कनिका कपूर और ओजस देसाई होटल ताज के रूम नंबर 362 में साथ रुके थे। 14 मार्च को ओजस देसाई और कनिका कपूर सुबह 11:14 तक होटल पहुंचे थे। दोनों होटल में दो दिन रुकने के बाद 16 मार्च को चेक आउट किया था। ओजस देसाई ने 16 मार्च को सुबह 9 बजकर 48 मिनट पर और कनिका ने 16 मार्च को ही सुबह 10 बजकर पांच मिनट पर होटल ताज छोड़ा था। कनिका कपूर के बाद ओजस देसाई पर भी कोरोना के वायरस का खतरा मंडरा रहा है।