लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या और विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति शशि कांत अग्रवाल के नेतृत्व में एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित करने का फैसला लिया गया है. आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा. राज्य सरकार की ओर से इस बारे में रविवार को अधिसूचना जारी की गई.


राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि, दो जुलाई को बिकरू गांव में हुई घटना के अलावा 10 जुलाई तक पुलिस और इस मामले से संबंधित अपराधियों के बीच प्रत्येक मुठभेड़ की भी जांच आयोग करेगा. आयोग विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस और अन्य विभागों/ व्यक्तियों से संबंध रखने और शामिल होने वाले मामले की भी जांच करेगा. प्रवक्ता के अनुसार यह आयोग अधिसूचना जारी किए जाने की तारीख से दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी कर लेगा.


गौरतलब है कि, कानपुर शूटआउट मामले में की जांच एसआईटी से कराने का फैसला लिया गया है. अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया था कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है. अवस्थी ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ को एसआईटी का सदस्य नामित किया गया है. उन्होंने बताया कि एसआईटी मामले की जांच 31 जुलाई 2020 तक पूरी कर लेगी.



कानपुर शूटआउट केस में 10 जुलाई की सुबह कानपुर से 17 किमी पहले भौंती में विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया था. इससे पहले 9 जुलाई को उसके करीबी प्रभात मिश्रा का कानपुर में और बऊआ दुबे का इटावा में एनकाउंटर किया गया था. 8 जुलाई को विकास का कराबी गुर्गा और शार्प शूटर अमर दुबे हमीरपुर में मारा गया था. इससे पहले विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडे और सहयोगी अतुल दुबे का 3 जुलाई को ही एनकाउंटर हो गया था.


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