लखनऊ. ज्यादा ब्याज का लालच और दुबई के बुर्ज खलीफा में निवेश का झांसा देकर एक और कंपनी करोड़ों रुपया लेकर फरार हो गई. लालच में फंसे सैकड़ों लोगों ने पुलिस से ठगी की शिकायत की. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कंपनी के डायरेक्टर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, हालांकि इस खेल का मास्टरमाइंड और फ्रॉड कंपनी का मालिक फरार हो गया है.


सैकड़ों लोगों को बनाया शिकार


रियल स्टेट के कारोबार में अच्छे रिटर्न के नाम पर निवेश का झांसा देकर राजधानी लखनऊ के तमाम इलाकों में लोगों से ठगी का दौर जारी है. ताजा मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र में चल रही अलास्का रियल एस्टेट एंड डेवलपर्स के फ्रॉड का सामने आया है. कंपनी ने लखनऊ से लेकर सुल्तानपुर, अमेठी के सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बनाया है.


111 लोगों ने की ठगी की शिकायत


सिर्फ लखनऊ के एक थाने, गोसाईगंज में पुलिस को 111 लोगों ने ठगी की शिकायत की है. लोगों का कहना है कि अलास्का रियल स्टेट का मालिक हरिओम यादव उनके निवेश की गई रकम का एक चेक भरोसे के लिए पहले से काट देता था. यानी जब मन हो निवेश की हुई रकम निकाली जा सके. जब तक रकम कंपनी में लगी रहेगी, तब तक 5 फ़ीसदी ब्याज हर महीने मिलता रहेगा. बस यही पांच फीसदी के ब्याज के लालच में फंसकर लोगों ने अपने साथ-साथ अपने करीबियों और रिश्तेदारों की गाढ़ी कमाई अलास्का इंफ्रास्ट्रक्चर एंड रियल एस्टेट में निवेश करा दी.



मुख्य आरोपी

ठगी का मास्टरमाइंड और कंपनी के फरार एमडी हरिओम यादव ने लोगों को दुबई के बुर्ज खलीफा और मायानगरी मुंबई में दफ्तर से किए जा रहे निवेश से मिल रहे अच्छे रिटर्न का झांसा दिया, लेकिन अब लोगों के पास कंपनी के साथ किया एग्रीमेंट है, निवेश की हुई रकम का चेक है, लेकिन अब कंपनी नहीं है.


59 करोड़ की धोखाधड़ी


पुलिस ने इस मामले में गोसाईगंज थाने में दो एफआईआर दर्ज की हैं. दर्ज कराई एफआईआर में अब तक 59 करोड़ की धोखाधड़ी सामने आ चुकी है. कंपनी के डायरेक्टर सुभाष यादव, सुरेंद्र यादव समेत नौ लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. पुलिस का कहना है कि इस खेल का असल मास्टरमाइंड वही हरिओम यादव है, जिसकी गाड़ी से 6 फरवरी 2019 को कृष्णा नगर इलाके से 5 करोड की नगदी बरामद हुई थी.


अब तक की जांच में साफ हुआ है कि फरार हरिओम यादव अपने सात बैंक खातों से पूरा लेन-देन करता था, जिनको पुलिस ने सीज करा दिया है. कृष्णा नगर में पांच करोड़ की नगदी की बरामदगी के मामले में भी हरिओम यादव अपने 7 अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन कुछ महीने बाद ही जमानत पर रिहा होकर उसने फिर करोड़ों का खेल शुरू कर दिया.


ये भी पढ़ें.


कोचिंग बंद होने से कानपुर का 'मिनी कोटा' काकादेव वीरान, इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी करने दूर-दूर से आते थे छात्र


लखनऊ: ट्यूशन पढ़ने गए 8 साल के बच्चे को टीचर ने बेरहमी से पीटा, आरोपी गिरफ्तार